जिला बांदा, ब्लाक तिन्दवारी, गांव तारा सरकार जघा जघा सरकारी आयुर्वैदिक अस्पताल भी खोल वाइस है। पै आज भी वैद्यगिरी का काम जिलन मा चलत है।
या से ज्यादातर मड़ई अस्पताल नहीं वैद्य के दवाई करवावत हैं। हेंया कइयौ पीिढ़न से दयाराम सिंह पटेल वैद्य का काम करत रहैं। या समय उनकर परिवार वाले वैद्य का काम चलावत है। बांदा जिला भर मा उनकर नाम मशहूर है।
दाता सिंह पटेल का कहब है कि हमार बाबा अउर बाप वैद्यगीरी का काम करत रहैं। मड़इन का दिन भर मा का,का करै का चाही अउर खाये पीये का समय का होय चाही। मोर बाप वैद्यगीरी कई कई के सैकड़न इलाज के बारे मा किताबैं भी लिखी हैं। वैद्य के साथ साथ शास्त्रीय संगीत का उनका बहुतै सउख रहै। उंई घर घर भी इलाज करत रहैं। अउर दूर दूर से मड़ई इलाज करवावै भी आवत रहैं। वइसे भी गांवन अउर कस्बा मा अस्पताल बहुतै कम होत हैं। यहै से मड़ई देशी दवाई करवावै खातिर वैद्य के लगे आवत जात हैं। पै दयाराम पटेल जइसै वैद्य बहुतै कम देखै का मिले हैं उंई दवाई के साथै साथै खाना पीना खातिर भी ध्यान देवै के बात भी मड़ईन का बतावत रहैं।
या से ज्यादातर मड़ई अस्पताल नहीं वैद्य के दवाई करवावत हैं। हेंया कइयौ पीिढ़न से दयाराम सिंह पटेल वैद्य का काम करत रहैं। या समय उनकर परिवार वाले वैद्य का काम चलावत है। बांदा जिला भर मा उनकर नाम मशहूर है।
दाता सिंह पटेल का कहब है कि हमार बाबा अउर बाप वैद्यगीरी का काम करत रहैं। मड़इन का दिन भर मा का,का करै का चाही अउर खाये पीये का समय का होय चाही। मोर बाप वैद्यगीरी कई कई के सैकड़न इलाज के बारे मा किताबैं भी लिखी हैं। वैद्य के साथ साथ शास्त्रीय संगीत का उनका बहुतै सउख रहै। उंई घर घर भी इलाज करत रहैं। अउर दूर दूर से मड़ई इलाज करवावै भी आवत रहैं। वइसे भी गांवन अउर कस्बा मा अस्पताल बहुतै कम होत हैं। यहै से मड़ई देशी दवाई करवावै खातिर वैद्य के लगे आवत जात हैं। पै दयाराम पटेल जइसै वैद्य बहुतै कम देखै का मिले हैं उंई दवाई के साथै साथै खाना पीना खातिर भी ध्यान देवै के बात भी मड़ईन का बतावत रहैं।
रिपोर्टर- मीरा देवी
07/09/2016 को प्रकाशित
बाँदा के मशहूर वैद्य दयाराम सिंह पटेल स्थानीय ज्ञान का भण्डार थे