जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव पल्हरी हेंया के लोगन का आरोप है कि कोटेदार राजकुमार राशन कार्ड मा गल्ला नहीं देत है। हम लोगन से रुपिया बस लई लेत है अउर कहत है कि आज नहीं कल गल्ला दई देहौं।
गांव के बंसू का कहब है कि राशन कार्ड तौ बना है, पै कोटेदार से बहुतै परेशान हैं। वा गल्ला नहीं देत। गल्ला दें मा कहत है कि आज गल्ला ख़तम होइगा है। फेर कउनौ दिन गल्ला दई दीन जई। काहे से कि अबै गल्ला नहीं आय। यहिसे कोटेदार का कोटा रद्द होय का चाही।
दिनेश का कहब है कि कोटेदार हम गरीबन का खून पसीना के कमाई का रुपिया का लईके धई लेत है। बिना गल्ला दीने कहत है कि अगले महीना गल्ला दई देहँ। इनतान से कोटेदार कई महिना से करत है। कोटेदार का कोटा रद्द होई जाये तौ हम लोगन के या समस्या खतम होई सकत होई सकत है।
यहिनतान लखन कहत है कि हमार तौ कउनौतान का राशन कार्ड नहीं बना आय। राशन कार्ड हर काम मा लागत है। राशन कार्ड
ना होय के कारन स्कूल मा बच्चन का नाम नहीं लिख पावत है। आय प्रमाण बनवावै का है तौ वहौ
नहीं बन पावत है। मैं आनलाइन राशन कार्ड बनवावै खातिर तीन दरकी फार्म भरें हौं ,पेै अबै तक राशन कार्ड नहीं बना आय।
कोटेदार राजकुमार का कहब है कि मैं बराबर हर महीना मड़इन का गल्ला बांटत हौं। मड़ई झूठैै बदनाम करै मा लाग हैं। अगर
मड़इन का मोहिसे शिकायत है तौ उनके या समस्या का ख़तम कीन जई।
गांव के बंसू का कहब है कि राशन कार्ड तौ बना है, पै कोटेदार से बहुतै परेशान हैं। वा गल्ला नहीं देत। गल्ला दें मा कहत है कि आज गल्ला ख़तम होइगा है। फेर कउनौ दिन गल्ला दई दीन जई। काहे से कि अबै गल्ला नहीं आय। यहिसे कोटेदार का कोटा रद्द होय का चाही।
दिनेश का कहब है कि कोटेदार हम गरीबन का खून पसीना के कमाई का रुपिया का लईके धई लेत है। बिना गल्ला दीने कहत है कि अगले महीना गल्ला दई देहँ। इनतान से कोटेदार कई महिना से करत है। कोटेदार का कोटा रद्द होई जाये तौ हम लोगन के या समस्या खतम होई सकत होई सकत है।
यहिनतान लखन कहत है कि हमार तौ कउनौतान का राशन कार्ड नहीं बना आय। राशन कार्ड हर काम मा लागत है। राशन कार्ड
ना होय के कारन स्कूल मा बच्चन का नाम नहीं लिख पावत है। आय प्रमाण बनवावै का है तौ वहौ
नहीं बन पावत है। मैं आनलाइन राशन कार्ड बनवावै खातिर तीन दरकी फार्म भरें हौं ,पेै अबै तक राशन कार्ड नहीं बना आय।
कोटेदार राजकुमार का कहब है कि मैं बराबर हर महीना मड़इन का गल्ला बांटत हौं। मड़ई झूठैै बदनाम करै मा लाग हैं। अगर
मड़इन का मोहिसे शिकायत है तौ उनके या समस्या का ख़तम कीन जई।
रिपोर्टर- गीता
29/07/2016 को प्रकाशित
महीनों से नहीं मिला राशन, कब मिलेगा?
‘शायद कल ही मिल जाए!’
बाँदा के पल्हरी गाँव में कोटेदार का है यह रवैया