जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव कलहरा के वाले का आरोप है कि गांव का रहें वाला साबिर मोरे साथै मारपीट करिस है। यहिके रपट थाना मा लिखाये हौं,पै अबै तक कउनौ सुनवाई नहीं भे आय।
विजय का कहब है कि मोरे नाम से चार महीना पहिले सरकार कइती से कालोनी आई रहै। यहिसे साबिर कहत रहै कि बता प्रधान तोहिसे केत्ता रुपिया लिहिस है। मैं वहिसे कहेंव कि मोहिसे प्रधान एकौ रुपिया नहीं लिहिस है। साबिर कहिस कि झूंठ बोलत है। बाहर आ तोहिका बतावत हौं। मैं बाहर गयेंव तौ वा मोहिका पकड के मारै लाग
विजय के औरत गुड़िया का कहब है कि साबिर मोरे मनसवा घर क्व भीतर से घसीट के बाहर लइगा रहै है। यहिके बाद पूर गांव मा घसीटत रहा है। अगर मोरे मनसवा का कुछौ होई जात तौ मोरे बच्चन के देख भाल कउन करी है। काहे से कि मोरे छोट छोट बच्चा हैं।
विजय के महतारी फुल्वातिया का कहब है कि मोरे लड़का का बेकसूर साबिर मारिस है। सरकार कइती से लोिहया आवास आवा रहै तौ प्रधान विजय का दिहिस है। वहिका का मतलब है। का करैं का है कि प्रधान रुपिया लिहिस है कि नहीं। हम कउनौ से लड़ाई नहीं करैं चाहित हन है।
साबिर के सास सन्नो का कहब है कि मोर दामाद विजय का नहीं मारिस है। विजय पाहिले से गाली गलौच करिस है। हम लोग थाना मा रपट नहीं लिखायें आहिन,पे विजय हमार रपट लिखा दिहिस है। हम पड़ोस मा रहिके लड़ाई नहीं करैै चाहित हन।
विजय का कहब है कि मोरे नाम से चार महीना पहिले सरकार कइती से कालोनी आई रहै। यहिसे साबिर कहत रहै कि बता प्रधान तोहिसे केत्ता रुपिया लिहिस है। मैं वहिसे कहेंव कि मोहिसे प्रधान एकौ रुपिया नहीं लिहिस है। साबिर कहिस कि झूंठ बोलत है। बाहर आ तोहिका बतावत हौं। मैं बाहर गयेंव तौ वा मोहिका पकड के मारै लाग
विजय के औरत गुड़िया का कहब है कि साबिर मोरे मनसवा घर क्व भीतर से घसीट के बाहर लइगा रहै है। यहिके बाद पूर गांव मा घसीटत रहा है। अगर मोरे मनसवा का कुछौ होई जात तौ मोरे बच्चन के देख भाल कउन करी है। काहे से कि मोरे छोट छोट बच्चा हैं।
विजय के महतारी फुल्वातिया का कहब है कि मोरे लड़का का बेकसूर साबिर मारिस है। सरकार कइती से लोिहया आवास आवा रहै तौ प्रधान विजय का दिहिस है। वहिका का मतलब है। का करैं का है कि प्रधान रुपिया लिहिस है कि नहीं। हम कउनौ से लड़ाई नहीं करैं चाहित हन है।
साबिर के सास सन्नो का कहब है कि मोर दामाद विजय का नहीं मारिस है। विजय पाहिले से गाली गलौच करिस है। हम लोग थाना मा रपट नहीं लिखायें आहिन,पे विजय हमार रपट लिखा दिहिस है। हम पड़ोस मा रहिके लड़ाई नहीं करैै चाहित हन।
29/07/2016 को प्रकाशित
बाँदा ज़िले के महुआ ब्लॉक के कलहरा गाँव में आवास मिलने पर मार -पीट का आरोप
पुलिस ने मामला गलत बताया