जिला बांदा, ब्लॉक नरैनी, गांव कटरा कालिंज़र, 12 नवम्बर 2016। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को लाल किले के प्राचीर से गांवों के विकास के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना का ऐलान किया था, जिसके तहत हर सांसद एक गांव को गोद लेगा और 2019 में दो और गांवों को इसमें शामिल करेगा। इस तरह प्रधानमंत्री का सपना 2024 तक 6433 गांवों को आदर्श बनाने का है। पर ये योजना जमीनी तौर पर कितनी सफल हो पाई है, ये आपको बांदा के कटरा कालिंजर गांव को देखकर पता लग जाएगा। इस गांव को भारतीय जनता पार्टी के सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा ने गोद लिया है पर गांव सांसद की गोद में होने के बावजूद भी विकास की आस ताक रहा है।
कटरा कालिंजर का इतिहास में अपना एक स्थान रहा है। अकबर महान ने अपने चहीते बीरबल को कालिंज़र का किला ईनाम के तौर पर दिया था। कालिंज़र किले और कालिंज़र महोत्सव को देखने के लिए हर साल चार लाख पर्यटक आते हैं। पर इसके बावजूद भी गांव की सड़के टूटी-फूटी हैं और बिजली की व्यवस्था बेकार है। गांव की सारी नालियां कचरे से भरी होने के कारण नाली का पानी रास्तों पर आ जाता है, ऐसा यहां के निवासी विजय कुमार शर्मा ने बताया। झुग्गी झोपडी में रहने वाले लोगों को आवास देने की बात भी सांसद भैरो प्रसाद ने की थी। पर लोगों को आवास नहीं मिला।
गांव की खस्ता हालत पर सुमन विश्वकर्मा कहते हैं, “जब सांसद जी ने गांव को गोद लिया था तो हम सबको लगा कि गांव की हालत कुछ सुधरेगी पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।”
गांव के प्रधान कामता प्रसाद सोनकर कहते हैं, “गांव को गोद लेने का कोई फायदा नहीं दिखा रहा है, क्योंकि यहां को लेकर कोई विकास योजना नहीं है।”
गांव के बंसु सोनकर भी गांव की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने की बात कहते हैं। गांव को आदर्श ग्राम बनाने के मकसद से कांलिज़र विकास समिति का गठन किया गया था। पर इस समिति के सदस्य जतुल सुल्लेरे कहते हैं, “बात तो आदर्श गांव बनाने की हो रही है पर यहां बुनियादी सुविधा जैसे साफ पानी, सफाई और शिक्षा का बिल्कुल टोटा है।” कटरा कांलिज़र के निवासियों की उम्मीदे अब खत्म हो गई है, पर सांसद भैरो प्रसाद के लिए गुस्सा अभी भी बरकरार है।
रिपोर्टर- गीता
08/11/2016 को प्रकाशित