जिला लखनऊ। बबिता बताती हैं कि शादी के छह साल बाद ही उनके पति कि मौत हो गई। उसके कुछ दिन बाद ही उनकी पुलिस का जो परीक्षा दी थी उसका परिणाम आ गया। उनके लिए ये बहुत ही कठीन समय था। दोनों बेटीयां छोटी थी। लेकिन अब दुसरो कि समस्या सुलझाते हुए उन्हें बहुत अच्छा लगता है। उन्हें इस साल (2015) उनके काम के लि,े सम्मानित भी किया गया है। ऐसे में उनसे लोगों की उम्मीद भी बढ़ गई है। वो चाहती है कि उस उम्मीद पर खड़ी उतरे और अपना हर काम इमानदारी से करे।
2016 से उम्मीदः मैं खुद को हिम्मत से खड़ा रहने और अपने बच्चीयों को भी समय देना चाहती है। मुझे लोगो से भी उम्मीद है कि आने वाले समय में वे लिंग भेद को मिटाए।