जिला चित्रकूट,ब्लाक कर्वी, मुहल्ला तरौंहा| मोहर्रम मा रंग बिरंगी खूबसूरत ताजिया सबका देखाई देत हवै|पै इं ताजिया बनत कसत हवै|ताजिया का बनानै से लइ के सजावै तक का सफर के बारें मा जानित हवै ताजिया बनावै वाले करीगर से|
ताजिया बनानै वाले मोहम्मद रईस अहमद खान का कहब हवै कि मैं दस साल की उमर से ताजिया बनावत हौं| मोहर्रम शुरू होय के दुइ महीना महिले से ताजिया बनावै का काम शुरू होइ जात हवै|ताजिया बनावै मा बांस,पेपर,रंग अउर पन्नी लागत हवै अउर सजावै खातिर सितारा, मेवा, घंटी, अउर रंग बिरंगे कागज लागत हवै जेहिमा से कुछ सामान हिंया मिलत हवै तौ कुछ कानपुर अउर इलाहाबाद से मंगाइत हवै| चार पांच मड़ई मिल के ताजिया बनाइत हवै| ताजिया बनावै का खर्चा हम उठाइत हवै|सबके के लाने ताजिया बनाइत हवै|तरौंहा मा लगभग बीस ताजिया बनत हवै| जेहिके कारीगरी नींक होत हवै वहिके ताजिया सबसे खूबसूरत होत हैं|
छोटा कारीगर शाहिद बताइस कि मैं बीस दिन से हिंया ताजिया बांधै का काम करत हौं|फिर कागज चिपकावे काम करिहौं| कारीगर इसरार खान का कहब हवै कि sमोर उमर चालिस साल हवै पै हमार पुरान मड़ई बतावत हवै कि सत्तर अस्सी साल से हिंया ताजिया बनत हवैं| जबै पुरान ताजिया इमामबाड़ा से उठत हवै वहिके बाद नये ताजिया उठाये जात हवैं|
बाईलाइन-नाजनी रिजवी
27/09/2017 को प्रकाशित