वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जापान दौरे में कहा कि वे बनारस को जापान का क्योटो शहर बनाएंगे। इससे बनारस के लोगों की जुबान पर क्योटो का नाम छा गया है।
भारत में बनारस शहर धार्मिक महत्व वाला शहर है। विश्वनाथ का मंदिर, गंगा नदी के अलावा बुद्ध स्थल सारनाथ बहुत प्रसिद्ध है। ऐसे ही जापान में क्योटो शहर मंदिरों से भरा बौद्ध स्थल है। इसे हज़ार तीर्थ स्थलों का शहर भीभ् कहा जाता है। इस शहर का विकास तो किया गया है, लेकिन यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों सहेजते हुए। जापान देश से गंगा नदी की सफाई और पूरे शहर के विकास के लिए करोड़ों में बजट देने की बात हुई है।
लोकसभा चुनाव के बाद जब से मोदी ने बनारस की सीट जीती है, तभी से यहां के लोग विकास और बदलाव के इंतज़ार में हैं। यहां गंगा नदी की सफाई, प्रसिद्ध घाटों का नवनिर्माण और शहर के विकास के लिए प्रधानमंत्री के जापान दौरे को बड़ा महत्त्व दिया जा रहा है।
यहां के प्रसिद्ध अस्सी घाट में घूमने आए कुछ लड़के संदीप, दीपू, अनुज ने बताया कि अभी तक देश में नई सरकार बनने का कोई असर नहीं दिखा है। हालांकि कुछ घाटों की सफाई जरूर हो रही है। पर जापान देश से हुए समझौते के बाद उम्मीद बंधी है, शायद बनारस के भी अच्छे दिन आने वाले हैं।