जि़ला वाराणसी। संत रविदास बाबा के जन्म दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल वाराणसी में जब तक रहे पुलिसवालों की सबसे ऊपर-नीचे होती रहीं। कहीं पर छात्र प्रदर्शन करते नज़र आए तो कहीं पर पार्टियां एक दूसरे से भिड़ती नज़र आईं। कहीं जि़न्दाबाद, तो कहीं मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। 22 फरवरी को प्रधानमंत्री बी.एच.यू. के सलाना दीक्षांत में शामिल होने और रविदास की जयंती के लिए बनारस आए हुए थे। करीब ग्यारह बजे के आसपास जब नरेन्द्र मोदी का काफिला लंका चैराहे से बी.एच.यू. गेट से अन्दर गया तो वहां पर उपस्थित भारतीय विद्यार्थी मोर्चा और बहुजन मुक्ति मोर्चा के लोग भाजपा और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे। ये रोहित वेमुला के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। बहुजन मुक्ति पार्टी के एक सीनियर सदस्य अमित सेठ ने बताया कि पिछले दिनों वकीलों और कुछ छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ था। हम उसके लिए आन्दोलन कर रहे हैं। और गिरफ्तारी दे रहे हैं। इसी पार्टी के मंडल अध्यक्ष मनीष सोनकर ने बताया कि अनुच्छेद 19 में हमें विरोध करने का अधिकार है। हम अपनी बात को शांतिपूर्ण तरीके से रख रहे हैं। हमें यह नहीं करने दिया गया और पुलिस ने हमें गुंडागर्दी से दबाने का प्रयास किया। इसलिए हम लोग गिरफ्तारी दे रहे हैं। हमारी मांग है कि रोहित वेमुला के हत्यारों के खिलाफ कार्यवाही हो। रोहित वेमुला के परिवार को दस करोड़ रूपए मुआवज़ा दिया जाए। रोहित के दोस्तों को सुरक्षा दी जाए।
वे सब जैसे ही अपनी बात कहकर गिरफ्तारी के लिए बस में बैठते हैं वहां पहले से उपस्थित भाजपा के लोग नारे लगाने लगते हैं और पुलिस से भी नोंक झोंक करते हैं। नरेन्द्र मोदी बी.एच.यू. के बाद रविदास मंदिर गए जहां पर उन्होंने माथा टेका, लंगर खाया।
उधर जब अरविंद केजरीवाल का काफिला आप पार्टी के सुन्दरपुर आफिस के पास पहुंचा तो वहां पर भाजपा के सदस्यों ने आप कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। केजरीवाल को वहां से सुरक्षित आगे रविदास मंदिर की ओर बढ़ा दिया गया। वो आप पार्टी के लोगों से मिले बिना ही चले गए।
बनारस बना रहा छावनी, रोहित के लिए हो रहा आंदोलन
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