जिला बनारस। चुनाव के बाद बनारस का जिला सिर्फ बिजली के मुद्दे के कारण खबरों में रहा है।
ब्लाक हरहुआ, चोलापुर और चिरईगंाव के कई गांवों में मुश्किल से पांच घंटे बिजली पहुंच रही है जबकि लोगों के अनुसार इन गांवों में भी बारह घंटे का नियम है।
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहर में चैबीस घंटे बिजली देने का वादा तो किया पर गांव के मेवा, मुरजी, राजेष, सलीम, आरती जैसे सबका सवाल है कि क्या गांव के लोगों को बिजली की ज़रूरत नहीं है?
बिजली ना रहने से लोगों को सप्लाई का पानी नहीं मिल पाता है। लोगों का मानना है कि चुनाव के बाद से ही केंद्र और राज्य सरकार का ध्यान सिर्फ शहर पर है। उनकी मांग है कि गांवों में भी कम से कम सोलह घंटे बिजली मिले तो अच्छा है।
बनारस के गांव में बिजली?
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