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बजट सत्र 2016: राष्ट्रपति ने सरकार की मुख्य नीतियों पर प्रस्तुतीकरण किया

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2016 के बजट सत्र की शुरुआत कल हुई और यह सत्र 13 मई तक जारी रहेगा। पूरे सत्र में कुल 31 बैठकें होंगी।
सत्र की शुरुआत में हर साल राष्ट्रपति पिछले वित्तीय साल की उपलब्धियां और आने वाले साल की योजनाएं और प्राथमिकताएं लोक सभा और राज्य सभा के सामने प्रस्तुत करते हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी के कल के प्रस्तुतीकरण के कुछ विशेष बिंदू :
 
गरीबी हटाने के लिए:
-3 नई बीमा और पेंशन योजनाएं शुरू की हैं : 
(i) प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना 
(ii) प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 
(iii) अटल पेंशन योजना 
 
-डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (योजना के तहत बैंक में सीधा पैसा आना) अब 42 योजनाओं में लागू होगा
 
कृषि और जल सम्बंधित
-प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना को शुरू किया जा रहा है जिसमे किसानों को सबसे कम प्रीमियम दर दी जाएगी।
 
-परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत, 8000 क्लस्टर को जैविक खेती के लिए विकसित किया गया है।
 
-मिटटी स्वास्थ्य कार्ड 14 करोड़ किसानों को मार्च 2017 के पहले बांटे जाएंगे।
 
-जल: जल संरक्षण के मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए जल क्रांति अभियान को शुरू किया गया है । ‘नामानि गंगे प्रोग्राम’ के अंतर्गत परियोजनाओं को 118 शहरों में लागू किया जा रहा है।
 
ग्रामीण और शहरी विकास
-आवास: प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत, 4,25,000 घरों को स्वीकृत किया गया है जिसका खर्च 24,600 करोड़ रुपए है। 2022 तक दो करोड़ घरों का निर्माण करने का लक्ष्य है। ये घर झुग्गीवासी, शहरों में रहने वाले गरीब और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए बनाए जाएंगे।
 
-ग्रामीण विकास: शयामा प्रसाद मुखर्जी रर्बन मिशन (एस.पी.एम.आर.एम.) को 300 ग्राम समूहों में शुरू किया गया है। यह मिशन कौशल विकास और लोकल उद्यमिता को बढ़ावा देगा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्य करेगा।
 
-प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 1,78,000 ग्रामीण बस्तियों को ऐसी मज़बूत सड़कों से जोड़ा जाएगा जो हर तरह के मौसम का सामना कर पाएंगी।
 
2 लाख आंगनवाड़ी केंद्र नरेगा के अंतर्गत बनाए जाएंगे।
 
शहरीकरण: 98 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा के बाद, 20 शहरों को स्मार्ट सिटीज योजना के पहले स्तर में चुना गया है। उत्तर प्रदेश का एक भी शहर नहीं चुना गया।
 
उद्योग और विनिर्माण
स्टार्टअप ग्राम उद्यमवृत्ति योजना के अंतर्गत, 1.82 लाख ग्राम उद्योग बनाए जाएंगे, जिससे 3.78 लाख लोगों को काम मिलेगा।
 
ऊर्जा और खनन क्षेत्र
सरकार मई 2018 तक सारे जनगणनित गावों तक बिजली पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है।
 
परिवाहन 
नेशनल हाईवे के विकास के लिए भरतमाला नाम की योजना बनाई गई है। इसकी अनुमानित लागत 2,67,000 करोड़ रुपए है। ग्रीन हाईवे नीति 2015 को शुरू किया गया है और एक प्रारंभिक नीति डीजल बस को इलेक्ट्रॉनिक बस में बदलने की पहल की गई है।
 
आज संसद में: 
– सरकार और विपक्ष जेएनयू के मुद्दे पर वाद विवाद करेगी।

– राज्य सभा हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर चर्चा करेगी।

– विपक्ष ने शांतिपूर्ण सत्र का वादा किया। पर अब तक 3 बार इन मुद्दों पर बहस के कारण सत्र को रोका गया है।