जिला ललितपुर, गांव महरौनी। गांव के लोगों को काम के लिये बाहर न जाना पड़े,उनके गांव में ही काम मिले। इस लिए सरकार ने 2006 में मनरेगा योजना की शुरुआत की थीं। 2017 और 2018 के लिए सरकार ने अड़तालिस हजार करोड़ रुपये इस योजना के लिए दिया था परन्तु महरौनी गांव के लोगों को मनरेगा में अभी भी काम नहीं मिल रहा हैं इस कारण गांव के लोग काम के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। बी.डी.ओ.सुनील का कहना है कि प्रधान और सचिव की तरफ से लिखित में काम की मांग नहीं आई है। काम की मांग आने पर पन्द्रह दिन में काम देंगे।
रामकिशन का कहना है कि हमारे गांव में कम से कम डेढ़ दो हमार मजदूर हैं।हम लोगों के पास न जमीन हैं न कोई जायदाद हैं। ऐसे में हम लोग मजदूरी करके आपना परिवार चलाते हैं। मजदूरी न मिलने के कारण हम बहुत परेशान हैं।
जमुनिया का कहना है कि मजदूरी न मिलने से कारण सारे लोग बाहर जा चुके हैं हम लोग भी काम के लिए बाहर चलें जायेंगे। क्यों कि गांव में रहकर भूखों मरना पड़ता है।
श्री देवराज का कहना है कि तीन चार महीने से लोगों को मजदूरी नहीं मिली है। सरकार से पैसा नहीं आ रहा है तो हम क्या करें।
बाईलाइन-सुषमा
05/10/2017 को प्रकाशित