फिल्म – ‘द जंगल बुक’
कलाकार नील सेठी
निर्देशक- जाॅन फेवरू
वर्षों पहले रुडयार्ड किपलिंग ने ‘द जंगल बुक’ लिखी थी। उनकी लिखी कहानी आज भी नई जैसी लगती है।
49 वर्ष बाद आधुनिक तकनीक ने इसे बेहतर बना दिया है। कई लोगों को दूरदर्शन पर प्रसारित हुई ‘द जंगल बुक’ याद होगी जिसका गाना ‘चड्डी पहन कर फूल खिला है’ आज भी कानों में गूंजता है।
मनुष्य का बच्चा मोगली (नील सेठी) जंगल में भेडि़यों के झुंड के साथ पलता है। बघीरा और रक्षा उसके रक्षक हैं। जंगल के सभी जानवर उससे प्यार करते हैं, सिवाय शेर खान के। शेर खान ने मोगली के पिता की हत्या की थी और वह मोगली को भी मारना चाहता है, लेकिन सभी जानवरों के मोगली के प्रति प्यार को देखते हुए उसके लिए यह आसान नहीं है। मोगली बड़ा हो गया है और बघीरा का मानना है कि उसे अब इंसानों की बस्ती में लौट जाना चाहिए जबकि मोगली इसके लिए तैयार नहीं है।
फिल्म का रियलिस्टिक लुक विश्वसनीय है। कहीं भी फिल्म में नकलीपन नहीं लगता। ऐसा लगता है मानो हम मोगली के साथ जंगल में उछलकूद कर रहे हों। एक पल आता है जब जंगल में सूख पड़ता है और मेढ़क अपने पैर से पानी को हटाता है। ये दृश्य दिल को छू लेता है। थ्री-डी इफेक्ट्स फिल्म के लुक को और बेहतर बनाते हैं।
तकनीकी स्तर पर फिल्म लाजवाब है। बैकग्राउंड म्युजिक, सिनेमाटोग्राफी, स्पेशल इफेक्ट्स, रंगों का संयोजन परफेक्शन के साथ किया गया है।
नील सेठी पहली फ्रेम से ही मोगली नजर आता है। पूरे आत्मविश्वास के साथ उन्होंने किरदार को अभिनीत किया है। फिल्म के हिंदी वर्जन में ओम पुरी, इरफान खान, नाना पाटेकर और प्रियंका चोपड़ा जैसे सितारों ने आवाज दी है और इन्होंने डबिंग इतने उम्दा तरीके से की है कि ये पात्र और अच्छे लगने लगते हैं।
रिपोर्टर: रिजवाना तबस्सुम