लखनऊ। 7 अक्टूबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को बंदूक के नए लाइसेंस जारी करने से रोक दिया है। कोर्ट ने कहा कि जांच करने पर पता चला है कि उत्तर प्रदेश में लाइसेंस के साथ बंदूक रखने वालों की संख्या पुलिस से पांच गुना ज़्यादा है। इसे नियंत्रित करने की ज़रूरत है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को लाइसेंस जारी करने पर कुछ कड़े नियम तैयार करने का आदेश दिया और कहा कि जिन लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं या जिनको किसी अपराध के मामले में सज़ा हो चुकी है, उन्हें लाइसेंस नहीं देना चाहिए।
राज्य में दो लाख पुलिस वालों के पास ढाई लाख हथियार हैं पर दूसरी ओर ग्यारह लाख आम लोगों के पास हथियार रखने का लाइसेंस है और ग्यारह लाख से ज़्यादा हथियार जारी किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय आपराधिक रिकार्ड ब्यूरो (जो विभिन्न प्रकार के अपराधों का रिकार्ड रखते हैं) की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस सालों में उत्तर प्रदेश में देश में सबसे ज़्यादा हत्याएं हुई थीं।
बंदूक लाइसेंस पर रोक
पिछला लेख