फ्रांस के कान शहर में समंदर किनारे महिलाएं अब ‘बुर्किनी’ नहीं पहन पाएंगी। ‘बुर्किनी’ एक तरह का पोशाक है जिससे तैरते समय देह पूरी तरह से ढक जाती है।
कान के महापौर डेविड लिस्नार्ड के मुताबिक, ‘बुर्किनी’ ‘इस्लामी चरमपंथ का प्रतीक’ है जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है क्योंकि फ्रांस चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के निशाने पर है। इसलिए उन्होंने ‘बुर्किनीस’ पर ‘क़ानून-व्यवस्था के मद्देनज़र’ प्रतिबंध लगाया है।
दरअसल, फ्रांस के नीस शहर में पिछले महीनें जुलाई में चरमपंथी हमला हुआ था। उससे पहले भी फ्रांस में हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन तमाम घटनाओं को ध्यान में रखते हुए फ्रांस ‘हाई-अलर्ट’ पर है।
‘बुर्किनी’ पर प्रतिबंध नहीं मानने और पकड़े जाने पर करीब तीन हज़ार रुपये का जुर्माना हो सकता है। हालांकि किसी पर सीधे जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, ‘बुर्किनी’ पहनने वाली महिलाओं से कहा जाएगा कि वे अपने कपड़े बदल लें या समंदर किनारे से कहीं और चली जाएं।
फ्रांस में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब महिलाओं के किसी परिधान पर पाबंदी लगाई गई है। इससे पहले, वर्ष 2011 में महिलाओं के बुर्क़ा पहनने पर रोक लगाई गई थी।
तब इस तरह की पाबंदी लगाने वाला फ्रांस यूरोप का पहला देश था।
इसी बीच, फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं के बीच लोकप्रिय बुर्किनी पर पाबंदी के बाद इसकी ऑनलाइन बिक्री बढ़ गई है।