जिला फैजाबाद, ब्लाक तारून, गाँव कुंआडाड़ हिंया कै रहै वाली शारदा जवन कि डेढ़ साल के उम्र से शारीरिक रूप से विकलांग अहैं। वै छोट छोट गेद्हरन का पढ़ाय के अपने परिवार कै खर्च चलावाथिन। इनके बहादुरी कै मनई काफी सराहना भी कराथिन।
शारदा कै कहब बाय कि पैदा हुवे के डेढ़ साल बाद पोलियो भए रही। पोलियो के टीका कन्धा पै लाग तौ पाकि आय। जेकरे वजह से एस होइगै। इंटर तक पढ़ै कै हमार ख्वाइश रही। वकरे बाद न ही पढ़े कै मन करिस न ही हमरे घर कै स्थिति ठीक रही कि हम पढ़ सकी। परिवार कै स्थिति ठीक ना हुवय से हम नाय पढ़ेन। 2010 से हम बीस रुपया मा पढ़ावे लागेन तब सिर्फ पांच गेदहरा रहे। हम संघर्स नाय छोड़ेंन जेकै नतीजा हमरे सामने बाय कि आज हमरे पास 150 गेद्हरा बाटे। जेका हम पढ़ावत हई।
शारदा कै कहब बाय कि शारीरिक स्थिति ठीक नाय बाय जेसे हम अउर काम कै नाय सकित। पढ़ावे मा सिर्फ मस्तिष्क कै प्रयोग करै का पराथै मेहनत नाय लागत। येहि लिए पढ़ाई ही हमार लक्ष्य आय। पिताजी कै सन 2000 मा हार्निया कै आपरेशन भा तबसे वै पावै।
गेद्हरन का कोचिंग पढ़ाय के पिताजी कै इलाज करावत हई। अउर छोट बहिन का सिलाई करावत हई।
रिपोर्टर- संगीता
Published on Jan 25, 2017