जहाँ आज के युवाओं का रुझान पॉप और रॉक संगीत की तरफ होता है वहां फैजाबाद जिले के खपराडीक गाँव के कौशलेन्द्र और शिवेन्द्र अपनी क्षेत्रीय भाषा अवधी को जिन्दा रखने के लिए ‘पैराडाइज एकेडमी’ नामक संगीत और नृत्य की संस्था चला रहे हैं जो स्थानीय बच्चों में शिक्षा-दीक्षा के साथ-साथ संगीत और नृत्य का हुनर भी सिखा रही है।
संस्था के संचालक शिवेंद्र कहते है, “इस संस्था का उद्देश है हुनर को निखारना, गरीब बच्चों को शिक्षा देना और दबी-छुपी प्रतिभा को सामने लाना। यही नहीं, इस दौरान बच्चों को सीखाते हुए टीचर का भी अच्छा अभ्यास हो जाता है। हमारा मुख्य लक्ष्य स्थानीय भाषा को बचाना और स्थानीय कलाकारों को वो जगह देना, जिससे वह अपने हुनर को दुनिया के सामने ला सकें।”
संस्था की छात्रा प्रियंका निषाद कहती हैं, “मैं बचपन से ही संगीत को बहुत पसंद करती हूँ और जीवन में एक बड़ी गायिका बनना चाहती हूँ, फिलहाल यहाँ क्लासिकल संगीत और फिल्मी गानों का अभ्यास करती हूँ। आशा करती हूँ कि जल्द ही मुझे कोई अच्छा मौका मिले, जिससे मैं दुनिया को अपनी आवाज़ सुना सकूं।”
वहीँ संस्था के संचालक कौशलेन्द्र का कहना है, “मुझे यह जान कर बेहद अफ़सोस होता है कि लोग संगीत को व्यवसाय की तरह बेचते हैं और संगीत सिखाने की महंगी फ़ीस लेते हैं। संगीत एक साधना है, ईश्वर की पूजा है जिसे बेचना किसी गुनाह से कम नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने किसी भी छात्र के लिए कोई फीस नहीं रखी है लेकिन फिर भी जो दे सकते हैं वह देते हैं और गरीब छात्र यहाँ मुफ्त में सीखते हैं। मैं यह जानकर बहुत खुश होता हूँ कि हमारे छात्र बहुत ही अच्छा गाते हैं और बहुत मेहनती भी हैं।”
कौशलेन्द्र का सपना है कि उनका खुद का चैनल हो जो उनकी स्थानीय भाषा को आगे बढायें। जो लोग देश और विदेश में अवधी भाषा को जानते हैं वह सभी उनके चैनल से जुड़े और उनके प्रयासों को सफल बनायें।
इनके इस काम पर हमने इनको लोकल हीरोज़ का खिताब दिया है!
रिपोर्टर- मनीषा
Published on Jan 19, 2017