एम्बुलेंस आखिर काहे के ताई हुआ थै। जेसे मनइन कै जान बचाई जाय सकै। मरीज का समय पै अस्पताल पहुँचाया जाए सकै लकिन अगर एम्बुलेंस समय पै न पहुंचा तौ मनई कै जान भी जाय सकाथै। फैजाबाद जिला के तेंदुआ माफ़ी गाँव के दिनेश कै आरोप बाय कि एम्बुलेंस देर से आवै की वजह से हमरे मेहरारू कै जान चली गए ।
मृतिका के पति दिनेश कै कहब बाय कि अगर एम्बुलेंश हुवत तौ तुरंत अस्पताल लइके जाइत बचतिन या न बचतिन उतौ भगवान् के ऊपर रहा। लकिन दुई घंटा इन्तजार के बाद भी एम्बुलेंश नाय आई। दस बारह साल से उनकै इलाज चलत रहा। एक लड़की भय रही तौ काफी खून निकल गा रहा तौ चढ़वाय गा रहा लकिन दवाई चलत रही ठीक रहिन लकिन वहि दिन अचानक तबियत ख़राब भय बेहोश होय गइन।
मृतिका कै सास जुगरन कै कहब बाय कि डॉक्टर कहिन कि गाड़ी कै सुविधा कै लिया लइके जा। जब एम्बुलेंस का फोन कीनगा तौ कहिस अभिन हम तारून मा हई एक घंटा मा आउब लकिन दुई घंटा बीत जाय जे बाद भी नाय आय।
मृतिका कै पड़ोसी राहुल सिंह बताइन कि हियां अस्पताल यहि समय सफ़ेद हाथी बनिगा बाय। हियां गरीबन कै सेवा के ताई जेतनी भी सुबिधा लागू बाय सब ध्वस्त होय चुकी बाय। यकरे पहिले पातूपुर गांव मा डिलेवरी के समय एक मेंहरारु कै मउत होय गए रही। कोतवाली मा मुकदमा भी दर्ज बाय।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक सतीशचन्द्र बताइन कि यहि केस के बारे मा हमै नाय पता बाय।
रिपोर्टर- कुमकुम यादव