जिला फैजाबाद, ब्लाक तारून, क़स्बा हैदरगंज अक्सर कहा जाथै कि कला केहू कै मोहताज नाय हुवत। तारून ब्लाक के हैदरगंज बाजार कै अजीत पेंटिंग के साथ साथ पढाई कराथे। इनके हाथ कै कलाकारी देखते ही बना थै। हाथ मा एतनी सफाई कि बिना चित्र बनाये पेंट से ही पेंटिंग कराथे। इनकै कहब बाय कि कहूँ से सीखे नाय हई अपने आप से पेंटिंग करीथी।
अजीत पेंटर कै कहब बाय कि हम आठ साल से पेंटिंग बनाई थी। अपने आप से ही बनाई थी स्कूल मा जब प्रेडिकल हुआ थै तौ पर्दा बनाई थी। मीडियम मा एक पर्दा कै डेढ़ सौ रुपया लागा थै। अगर वसे बड़ा रहे तौ ढाई सौ।
जेतना अच्छा बनवाय जाय वतना अच्छा चार्ज लागे।एक दिन मा लगभग सात आठ पर्दा बनाय लीथी। अबहीं हम टीजीटी करत हई। पेंटिंग करब हमार मज़बूरी रही सौक नाय। पढाई लिखाई के ताई पैसा कमाय के ताई पेंटिंग करै लागेंन।
रिपोर्टर- आरती और प्रियंका
11/01/2017 को प्रकाशित