स्वतंत्रता सेनानी डाक्टर सुरेन्द्र नाथ अग्रहरी कै बेटवा राममोहन बताईन कि हमरे पिता जी का तनहाई मा रखा जात रहा पाचवीं कोठी पै इनसे केहू मिल नाय पावत रहा। अप्लिकेशन जमा करे के बाद घंटा दुई घंटा पै मुलाकात होय पावत रही। क्रांतिकारी का केहू से मिलै नाय दीन जात रहा। क्रांतिकारियन से जेल कै अधिक्षक जवन रहे बहुत डेरात रहे कि इनके सब कहूं कुछ कै न दियै।
जेल से छूट के आवै के बाद हियां कै पुलिस इनके सबसे बहुत घिरडा करत रही। आये दिन परेसान करत रही। हमार पिताजी छत पै ईट रखके सोवत रहे। जब मनई पूछते तौ ईट गिरावै लगते। पिताजी कै शौक रहा कि देश के आजादी के बाद स्वतंत्र हुवय का चाही। आजादी के बाद नौकरी भी करिन व्यापार करिन अउर परिवार कै पालन पोषण भी अच्छे से करिन।
13/08/2016 को प्रकाशित
फैजाबाद के स्वतंत्रता सेनानी – डॉक्टर सुरेन्द्रनाथ अग्रहरी