जिला वाराणसी, ब्लाक हरहुआ, गावं बावन बिघा। इ गावं के पार्वती अगस्त के फूल के खेती करलीन। एही ओनकर रोजी रोटी हव। एही से ओनकर परिवार के खर्चा चलत हव।
पार्वती बतावलीन कि हर साल सितम्बर अक्टूबर महीना में अगस्त के फूल के खेती तइयार हो जाला। इ फूल के सब्जी बनला। एकर अचार भी बनला। ओन बतावलीन कि हमने एकर खेती करल जाला। जब हमने के खेती तइयार हो जाला त रोज दिन के तोड़ के शाम के ले जाके पाण्डेयपुर के चैराहे पर बेचल जाला। साठ रूप्ए से लेके अस्सी रूपए किलो तक बेचीला। लोग एके बहुत शौक से खालन।
हमरे इ काम में हमार पति सेचन आउर हमार लइकी लइकन भी काम करलन। एही से हमार परिवार चलला। इ काम हमरे इहां पीढ़ीयों से चलत हव। इ काम से हमरे घर के साल भर के खर्च निकल जाला। आउर पूरा साल एही से आपन परिवार चलला। हमने कउनों दूसर रोजगार नाहीं हव।
फूल बेच के घर चलावत मेहरारू
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