चंदौली। प्रदेश में जून से लेकर अब तक तीन पत्रकारों की हत्या हो चुकी है। ताज़ा मामला 3 अक्टूबर का है। चंदौली जि़ले के एक पत्रकार हेमंत कुमार यादव की हत्या दो बाइक सवारों ने कर दी। हेमंत कुमार अहिकौरा गांव के रहने वाले थे। इस समय वे एक अखबार में काम कर रहे थे। इससे पहले वे न्यूज़ 24 में काम कर चुके हैं। इससे पहले जून में शाहजहांपुर के एक पत्रकार जोगेंद्र सिंह की हत्या हुई थी। इसमें समाजवादी पार्टी के एक नेता का नाम आया था। उसके बाद बरेली में राष्ट्रीय हिंदी अखबार के एक पत्रकार संजय पाठक की हत्या हुई थी।
हेमंत कुमार यादव की हत्या असवरिया गांव के पास हुई। वे अपने घर के पशुओं के लिए बाइक से चारा ला रहे थे। शाम का समय था दो बाइक सवारों ने उन पर तमंचे से गोली चलाई। गांव के लोग उन्हें फौरन पास के अस्पताल में ले गए। जहां से उन्हें जि़ला अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन वहां डाॅक्टरों ने उन्हें मरा हुआ घोषित कर दिया।
हेमंत की पत्नी सुनीता ने बताया कि उनकी जानकारी में तो हेमंत की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। मगर एक साल पहले किसी गांव के प्रधान और लेखपाल से उनका झगड़ा हुआ था। हेमंत के पास इन दोनों की कुछ फोटो और उनकी काली करतूतों का कच्चा-चिट्ठा था। मगर इन लोगों ने हेमंत का कैमरा तोड़कर सारे सुबूत भी मिटा दिए। इसके बाद प्रधान और लेखपाल ने मिलकर मेरे पति को जेल भी भेज दिया था।
हेमंत के भाई ने बताया कि उन्हें इस बारे में तो कुछ नहीं पता कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी। मगर जिस तरह से उन्हें गोली लगी है उससे तो साफ लगता है कि उन्हें पता था कि हेमंत कहां जा रहे हैं और कहां से आ रहे हैं। बकायदा योजना बनाकर उन्हें गोली मारी गई है।
जे के न्यूज़ में काम कर रहे उनके दोस्त के अनुसार भी हेमंत की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। ऐसा कुछ जि़क्र भी उन्होंने कभी नहीं किया था जिससे कुछ शक भी हो। हेमंत के एक छोटा भाई है। वह एयरफोर्स में है। दो बच्चे हैं। एक पांच साल का है और दूसरा एक साल से कम का है।
चंदौली के धानापुर के थाना अध्यक्ष योगेंद्र कुमार यादव और क्राइम ब्रांच वालों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। अभी तक कोई भी सुबूत या गवाह हाथ नहीं लगा है।
उधर उत्तर प्रदेश की जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष रतन कुमार दीक्षित ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में तीन पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है। ऐसे में ज़रूरी हो गया है कि पत्रकार सुरक्षा कानून बने। एसोसिएशन ने पत्रकार के परिवार को बीस लाख रुपए देने की मांग भी की है।