बेमौसम बरसात किसानन के ताई फिर काल बनिगै। जेसे बची फसल भी बर्वाद होइगै। 28 अपै्रल का मूसलाधार बारिष से किसानन के उम्मीद पै पानी फिरगै।
2015 मा चार-पांच बार लगातार बरसात से किसानन के उम्मीद पै पानी फिरत आवत बाय। गेहूं बोय के दाना परै का रहा तबै बारिस अउर आंधी से गेहूं दाना नाय लै पाइस। जवन कुछ भबौ कीन उहौ कटाई के वक्त बारिस से गिरगै। जेसे दाना काला पड़गे। कम पैदावार हुवय के कारण जगह-जगह किसान के सदमा से मउत भै। जे किसान कउनौ समस्या के कारण मड़ाई नाय कै पाइन उनकै 28 अपै्रल के बरसात से गेहूं भूषा सब नष्ट होइगै। अब एैसन मा किसान करै तौ काव करै?
फसल बर्वादी से अब तक फैजाबाद मा लगभग बीस पच्चीस किसान कै सदमा से मउत होइगै मुआवजा के ताई जगह-जगह धरना प्रदर्षन भी हुवत बाय। षासन-प्रषासन भी किसानन के मउत पै मुआवजा दियै के आष्वासन दियत बाय। लकिन कब कउने हिसाब से किसानन का मुआवजा मिले पता नाय?
सर्वे के अनुसार यतनी फसल बर्वादी मा भी कहूं कहूं सौ दुई सौ रुपया कै चेक मुआवजा के रुप मा किसानन का मिला बाय। केहू किसान कै अगर बीस प्रतिषत फसल बर्वाद भै तौ वहमा पूरी फसल तैयार हुवत तक लगभग दुई तीन हजार कै नुकसान हुआथै। लकिन यका षासन प्रषासन काहे नाय समझत बाय? भला सौ दुई सौ रुपया मा किसानन कै काव होये? यतने मा तौ उनकै नुकसानी भी नाय पूरा हुवत बाय?
फिर आय किसानन पै मुसीबत
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