जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव गढ़चपा। हिंया के बाबूलाल अउर सुरतिया का वृद्वा पेंशन नहीं मिलत आय। या कारन दस बरस से आपन पेट भरै का मजबूर हवैं। वृद्वा पेंशन खातिर कइयौ दरकी प्रधान गिधनी से कहा गा, पै वा नहीं सुनत आय।
प्रधान गिधनी देवी का कहब हवै-“बाबूलाल अउर सुरतिया का वृद्वा पेंशन का फार्म भरवा दीने हौं। जबै पेंशन पास हेाइ तौ मिलै लागी।”
गढ़चपा गांव के बाबूलाल अउर सुरतिया का कहब हवै कि हमार उम्र लगभग सत्तर बरस के हवै। येत्ती उम्र मा हाथ-गोड़ नहीं चलत आय कि कमा के खा सकैं। या कारन मांग मांग के खइत हन। ऊपर वाला इनतान के मजबूरी कउनौ का न दे। अगर वृद्वा पेंशन मिलै लागै तौ थोइ नून रोटी चलै लागै। वृद्वा पेंशन नहीं मिलत आय। पता नहीं कि सरकार कउनतान के गरीबन का वृद्वा पेंशन देत हवै।
फार्म भरवा दीन गा हवै पास होई तौ पेंषन मिली
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