जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव शाहपहाड़ी। ई गांव में लगभग पचासन ओरत के लड़का बिटियन के पैदा होय पे बाल विकास योजना के रूपइया नई मिले। ऊ रूपइया खा एक साल से एते ओते भटकत हे ओर बैंक के चक्कर लगाउत हे।
सीमा, ऊषा, नीतू ओर रामदेवी ने बताओ कि हमाये एक साल पेहले कोनऊ के लड़का तो कोनऊ के बिटियां भई हती। जीमें आगनवाड़ी अंगूरी ने हमाये बाल विकाश परियोना के तहत दूसर बच्चा होंय के फारम भराये हते। ऊ कहत हती की डिलेवरी होंयके बाद पैतालिस सौ रूपइया मिलहे। जीमें पन्द्रह-पन्द्रह सौ की तीन किस्ते मिलने हती। डिलेवरी भये एक साल हो गये हें, पे अभे तक एकऊ रूपइया नई मिलो आय।
शोभा, बन्दना, ओर राजाबाई ने बताओ कि हम गरीब आदमी मजदूरी करके पेट पालत हे। सोचत हते की पैतालिस सौ रूपइया मिलहे तो लड़का-बिटियन के नाम जमा कर देबी। आंगनबाड़ी अंगूरी देवी ने बताओ कि पिछली साल मेने लगभग पंैतिस फारम भरें हते। जीमें दो-तीन जने की पेहली किस्त मिल गई हे। 13 नवम्बर 2013 खा जिला कार्यक्रम अधिकारी आये हते। जीखे रूपइया नई मिले ऊखे लाने मेने कहो हतो। ऊं कहत हते कि अभे काम करें वालो बाबू नइयां।
जिला कार्यक्रम अधिकारी रामेश्वर पाल ने बताओ कि में अभे शाहपहाड़ी गांव गओ हतो। आंगनवाड़ी अंगूरी देवी से रिपोर्ट मांगी हती, पे ऊने रिपोर्ट नई दई हे। अगर रिपोर्ट मिल जाय तो जांच कराबी, कि ऊ ओरतन खा रूपइया काय नई मिलो आय।
फारम भरें से का फायदा, जब नई मिलो रूपइया
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