गले लगाओ दुष्मन को, करेगा नहीं इनकार
गले लगाते ही उसके दिल में भर जाएगा प्यार
कलह क्लेष सब मिटाएं, जोड़े प्रेम का नाता
भाईचारे का यह पर्व जन-जन को है भाता।
फागुन की लहर ने दिल में खूब मचाई हलचल
रंगों की नदी बहे, सुनाए मीठे धुन कलकल।
सतरंगी रंगों के रंग में रंगा नीला आकाष
होली के त्योहार ने दिया गमों का अवकाष
रंगों की बरखा बरसे, हो रही गुलाल की मांग
सब झूम रहे खूब पी पी के भांग
मेल मिलाप और बांटे प्यार – होली का बस यही रिवाज़।
फागुन आया मस्ती लाया
पिछला लेख