तीन महिना होय जात बाय बरसात रूकै कै नाम नाय लियत बाय सब किसान कै फसल बर्वाद होय जात बाय। किसान के खेतन मा सरसो,आलू मटर मा पानी से सब सड़ जाथैइन मनई न तौ सरसो कै कटाई पावत बाय। अउर न आलू कै खोदाई होय बाय एक विगह मा एक बोरी आलू निकरत अहै गोहूं, मटर, चना धनिया, सरसो इहौ सब न बच पाए सब मा माहू लाग जात बाटिन।
आखिर किसान कै गुजारा कैसे होये आलू, पियाज धान, सब्जी कै दाम आकाष पार करे बाय खेती इहै एक साधन रहा यहि किसान, मजदूर लोगन कै पेट पालै कै माध्यम रहा ईश्वर यहुं का छीन लिया थए। मया ब्लाक के पसौरा गांव कै राघवेन्द्र कै दस विगह सब्जी कै खेती किहे रहिन सब गल गै। लाखन रूपया कै घाटा लाग गै अहै तारून ब्लाक कै मस्तराम, सियाराम रामदेव कै कहब बाय कि सरसो के फसल मा माहू लागे से बुरी तरह प्रभावित भै बाय गोंहू तौ खेत मा लोट गै बाय जेहि से वोहमा परै वाला दाना मार जाए।
वही कटेहरी ब्लाक मा झुरई, बन्दना कै पांच विगह गोहूं गिर गै बाययहि साल मा धान से लइके गोहूं, सरसो, चना केकेराव, पियाज आलू, टमाटर सब फसल प्रभावित भै हइन।
फसल बरसात से खराब
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