दोस्तों जब से सोशल मीडिया का चलन हो गया है फेक न्यूज थमने का नाम नहीं ले रही है। व्हाट्सेप में गुड मार्निंग से लेकर गुड नाईट तक चहल पहल होती है। आज स्मार्टफोन चलाने वाले ज्यादातर लोग फेसबुक और व्हाट्सेप से ही जानकारी हासिल करते हैं। व्हाट्सेप, तो जैसे अपने आप में एक कालेज बन गया है। सर्दी, जुकाम से लेकर कैंसर तक का उपचार आपको व्हाट्सेप में मिल जाएगा। कितना सही कितना गलत? यह एक बड़ा सवाल है, मीडिया के लिए फर्जी खबरों और जानकारियों से निपटना आज के समय की चुनौती हैं। आज के समय में प्रकाशन में इतने प्लेटफार्म होने के कारण हर व्यक्ति जाने अनजाने में फर्जी खबरों को बढ़ा रहा है। फर्जी खबरों को बढ़ाने का काम सोशल मीडिया जोर-शोर से कर रहा है। ऐसी अफवाहे भरी खबरों की वजह से झारखंड, असम और यूपी में ही लोगों की हत्या की गई हैं। महोबा जिला में एक ऐसा ही फर्जी मामला सामने आया है।
निखिल ने बताया कि मेरे फोन में मैसेज आया था, कि एक पंडित जी मन्दिर में पूजा करते समय एक बड़ी चिड़िया को देखकर बेहोश हो गये। आगे कामेडियन था तो पढ़ने में अच्छा लगा, तो मैंने रिपीट कर दिया। मैंने आज तक कोई कामना ही नहीं की। भगवान को जो देना होगा, वो अपने से मिल जाएगा। सोनी शंकर का कहना है कि हमें कुछ नहीं मिला। ये केवल एक अफवाह है, हमें नहीं पता कि क्यों लोग फारवर्ड करते हैं। देवेन्द्र ने बताया कि ये सब फर्जी न्यूज हैं। यहाँ ऐसा कोई मामला हमारे सामने नहीं आया। हमें तो एक भी विश्वास नहीं हैं, हां मिल जाएँ, तो कमेन्ट जरूर कर देते हैं। इरफान ने बताया कि मेरे बड़े भाई की शादी में एक अल्टो कार मिली है, तो लोग उसको मैसेज फारवर्ड करने का नतीजा बता रहे हैं, कि मैसेज फारवर्ड करने से ये गाड़ी मिली है, लेकिन हम तो ऐसी अफवाहों को एक भी नहीं मानते हैं।एक व्यक्ति की गाड़ी चोरी हो गई, तो लोगों ने मैसेज को जोड़कर अफवाह फैला दी।
एसपी महोबा के एन कोलांची का कहना है कि जो भी लोगों को परेशान करने के लिए ये फेक न्यूज बार–बार फारवर्ड करते हैं उनके ऊपर कार्यवाही की जायेगी। जो भी दोषी पाया जायेगा उसको सजा मिल सकती है।
रिपोर्टर: सुनीता प्रजापति
Published on May 31, 2018