खबर लहरिया जवानी दीवानी फर्जी खबरों का अब बजेगा बैंड: भारत बंद के दौरान बिहार में बच्ची की मौत का भ्रामक वीडियो प्रसारित

फर्जी खबरों का अब बजेगा बैंड: भारत बंद के दौरान बिहार में बच्ची की मौत का भ्रामक वीडियो प्रसारित

 

 

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10 सितम्बर को बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस पार्टी द्वारा भारत बंद के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें हाथ में मृत बच्ची थामे एक पिता अपनी बच्ची को खोने की पीड़ा व्यक्त कर रहा है। दावा किया गया है कि बंद के परिणामस्वरूप सामान्य जीवन में व्यवधान के कारण, बच्ची को बचाया नहीं जा सका क्योंकि एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी।

भारत बंद का नतीजा बताकर इस वीडियो को शेयर करने वालों में एक ट्विटर उपयोगकर्ता मोदीफाइड रेणु (Modified Renu (@Renu_18) थी, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्विटर पर फॉलो किया जाता है। यह वीडियो अब तक 500 से अधिक बार रीट्वीट किया गया है।

https://twitter.com/twitter/statuses/1039074158351548416

वैकल्पिक रूप से, इस वीडियो का उपयोग भाजपा के विरोधियों द्वारा भी पार्टी को लक्षित करने के लिए किया गया है। नीचे पोस्ट किए गए ट्वीट को लगभग 300 बार रीट्वीट किया गया था। अब यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया है।

salman nizami

किए जा रहे दावे के साथ इस वीडियो को फेसबुक पर भी अपनी शेयर किया गया है।

वीडियो भारत बंद से संबंधित नहीं है

यह घटना 7 सितम्बर, 2018 को हुई थी और 10 सितंबर के भारत बंद से इसका कोई लेना-देना नहीं है। लल्लनटॉपकी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो बिहार के सीतामढ़ी की है। चार साल की सिमरन को उंगली में सांप ने काट लिया था। उसे एम्बुलेंस से सीतामढ़ी सदर अस्पताल ले जाने के लिए कोई चालक नहीं था। परिजनों ने एक टेम्पो की व्यवस्था की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। अस्पताल के रास्ते में सिमरन की मौत हो गई।

इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने यह भी पाया कि यह वीडियो 9 सितंबर को ही एक फेसबुक उपयोगकर्ता द्वारा अपलोड किया गया था, जिसमें कहा गया था कि सांप काटने के कारण बच्ची को अस्पताल ले जाने लिए एम्बुलेंस नही मिलने के कारण बच्ची की मौत हुई थी।

एक अन्य मामला, जो इस लेख में प्रस्तुत सोशल मीडिया वाले दावे से संबंधित नहींहै, उस पर भी ध्यान दिया जा सकता है- बिहार के जहानाबाद में सड़क की नाकाबंदी के कारण एक एम्बुलेंस के रुक जाने से दो साल के बच्चे की मौत हो जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। इस बारे में कई विरोधाभासी दावे उभरे हैं और जिला प्रशासन का कुछ और ही कहना है।

सोशल मीडिया पर राजनीतिक लाभ के लिए असंबद्ध तस्वीरों और वीडियो का उपयोग करना एक सामान्य है। इसे इस उदाहरण में देखा गया, जिसमें तीन दिन पहले हुई घटना के असंबद्ध वीडियो को भारत बंद के नतीजे के रूप में शेयर किया गया था।

साभार – ऑल्ट

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