जिला ललितपुर, गांव जुदैया पानी कबहु सोचो हे कि दिन भर में कितनो और के बार इस्तेमाल करत लेकिन ललितपुर जिला के जुदैया गांव के आदमी जाको अनुमान बता सकत। बो जाके मारे काय के उनके ते नाली की सुविधा नइया।
आदमियन को अपनी पानी से जुडी जरुरतन के लाने घर से बहार जाने परत। काय के उनके ते बाहार पानी जाबे को कोनऊ ठोस जरिया नइया और उनको ज्यादा से ज्यादा टेम जमे पानी को निकारबे में चलो जात। जमा और गंदे पानी से मच्छर पैदा होत और उनसे हो रई परेशानी तो अलग ही हे।
हमाय समाज में हर समस्या को जुड़ाव लैंगिक और समानता से अपने आप ही बन जात काय के पानी के काम घर से जुड़े होत तो बे भी महिलाओं के काम में गिने जात। गांव गांव में सबको दूर दूर पैदल चल के पानी भरत महिलाए ही दिखती। इते भी बई कहानी की दिक्कते हे बो भी केवल ओरतन को ही हे।
हरी बाई ने बताई के हम ओरे बोहतई परेशान हे हमाय ते नाली नइ बनी गड्डा खुदे। जो पानी खर्च करत जेसे नहात धोत तो बो पानी भर जात फिर बो गड्डा में से पानी निकार के बाहर फेकने परत। कम से कम से आधा किलो मीटर दूर तो पानी फेकबे जाने परत। और ले जात रास्ता में कोऊ के द्वारे फ़ैल जात तो बाते अलग सुनने परती। मच्छर होत और कीचा मचत बो अलग हे।
लच्छी ने बताई के नहात हे तो बहार जात कछू भी करने तो बहार जाने परत। बहूए बिटिया भीतर नहाती तो गड्डा में पानी भर जात बाय फेकने परत और मोड़ी मोड़ा तो बाहर ही जात नहाबे।
रामस्नेह ने बताई के आदमी और मोड़ी मोड़ा तो बहार नहा आत लेकिन जो घर में बहूए बिटिया हे बे तो घर में ही नहाती। तो पानी नइ निकरत और अगर हम बो पानी सड़क पे निकार हे तो कीचा हुए। बाहर को आदमी आहे बैठे देख हे अगर ऊपर पानी आहे तो बोल हे के इते बोहतई गंदगी रत। जो गंदो पानी निकरत बो घर की बहूए बिटिया ही फेकती अगर घर के कोऊ आदमी फेकत तो आदमी हंसी करत के घर को पानी फेकने परत। प्रधान से कई तो उन ने दो महिना को आश्वाशन दओ तो लेकिन कछू काम नइ भओ।
हरकिशन ने बताई के दस साल से परेशान हे सड़क पे पानी फैलत जाके मारे बाहर बैठ तक नइ पात हम ओरे प्रधान से दस साल से बराबर कह रए कत के बनबा देहे बनबा देहे। जे नए प्रधान से कई सो बे कह रए ते के दो महिना में बनबा देहे लेकिन डेढ़ साल हो गयी लेकिन उन ने भी कछू प्रस्ताव नइ डारो।
हरी बाई की विनती हे उत्तर प्रदेश की सरकार से के लानी बनवा दो और उनके संगे उनको पूरो गांव हे का कोऊ सुन हे उनकी बात।
रिपोर्टर- राजकुमारी
04/05/2017 को प्रकाशित