प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंघ विचारक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए ‘सौभाग्य‘ योजना की घोषणा की है। सौभाग्य योजना का मतलब ‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना‘ है। इसके तहत हर गांव, हर शहर के हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। 31 मार्च 2019 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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इस योजना के तहत 2011 के सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना में दर्ज गरीबों को बिजली का कनेक्शन निशुल्क दिया जाएगा। जिन लोगों का नाम इस जनगणना में नहीं है वह भी 500 रुपये का भुगतान कर बिजली का कनेक्शन हासिल कर सकेंगे। इस राशि को 10 किस्तों में बिजली के बिलों के रूप में लिया जाएगा।
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सौभाग्य योजना के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, जम्मू–कश्मीर, राजस्थान व पूर्वोत्तर राज्य शामिल हैं।
सौभाग्य योजना के कुल बजट 16,320 करोड़ रुपये रखा गया है। इसमें सरकारी सहायता के तौर पर 12,320 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण आवासों में बिजली पहुंचाने पर 14,025 करोड़ और शहरी आवासों पर 1732.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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