क्या इसे स्वास्थ्य केंद्र कहेंगे?
नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में भाजपा कार्यालय से पांच किलोमीटर दूर बेनियाबाग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले एक साल में किसी की नज़र में नहीं आया।
बेनियाबाग का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तीन नर्सों के सहारे चल रहा है। नर्स मीरा यादव ने बताया कि ये डिलेवरी सेंटर है और मौके पर यहां प्रसव भी होता है। कुछ दिन पहले यहां की डाक्टर रीता बलानी के रिटायर होने के बाद से डाॅक्टर का पद अभी तक खाली पड़ा है। अस्पताल के आंगन में कुत्ते सोए हुए दिखते हैं। कमरों में जाएं तो बिस्तर ऐसे पड़े हैं जैसे महीनों से इस्तेमाल ना किए गए हों। डाॅक्टर के कक्ष में भी खाली कुर्सियां पड़ी हैं और मरीज़्ाों के इलाज के लिए कोई डाॅक्टर नहीं है।
कुछ ही दूर बेनिया हैल्थ पोस्ट में फार्मासिस्ट और लैब असिस्टेंट हैं पर यहां खून और पेशाब जांच करने की कोई सुविधा नहीं है। ‘गंदगी इतनी है कि खुद सोचते हैं कि शौचालय जाएं तो किसके घर जाएं,’ प्रभारी इन्दिरा चैबे ने बताया। ‘हम कई बार सी.एम.ओ. को और विभाग को कह चुके हैं पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां अभी तक पानी और बिजली की व्यवस्था तक नहीं है।
सी.एम.ओ. डाक्टर एम.पी. चैरसिया का कहना है कि कुछ समय पहले नगर आयुक्त से बात हुई थी और महीने भर में स्वास्थ्य केंद्र दूसरी बिल्डिंग में होगा जहां सारी व्यवस्था होगी।
मोदी का दौरा दोबारा रद्द, एक की मौत
ज़िला वाराणसी। 16 जुलाई को होने वाला मोदी दौरा और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ट्राॅमा सेंटर का उद्घाटन आखिरी मिनट पर खराब मौसम के कारण एक बार फिर रद्द कर दिया गया। तैयारियों में लगे एक माली की रैली होने वाले मैदान में 16 जुलाई की सुबह करेंट लगने से मौत हो गई।
ये दूसरी बार है कि बारिश के कारण प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम को रद्द किया है। इस बार प्रशासन ने करोड़ों रुपए खर्च करके तैयारी की थी जो धरी की धरी रह गई। इस बात पर प्रशासन की कड़ी निंदा भी हुई है। पांच पंडाल, उनकी सजावट, मंच, बारिश के लिए खास व्यवस्था और सुरक्षा पर लगभग नौ करोड़ रुपए खर्चे जा चुके थे।