लखनऊ। 2 नवम्बर को एक बड़े समारोह का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘राज्य पोषण मिशन’ का आयोजन किया। पूरे शहर में इस मिशन का प्रचार करते कई बोर्ड लगाए गए हैं लेकिन मिशन के बारे में लोगों में जानकारी बहुत कम है।
बाल विकास परियोजना की राज्य सहायक निदेशक दुर्गेश हुक्कु ने बताया कि मिशन में कोई नई योजना नहीं लागू की जा रही है पर राज्य स्तर पर अट्ठाइस नए पदों पर अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा जो मौजूदा योजनाओं को और बेहतर तरह से क्रियान्वित करने के लिए काम करेंगे। इस मिशन का लखनऊ से डाक्टर कामरान रिज़वी संचालन करेंगे।
अभी तक ना तो नई नियुक्तियां हुई हैं और ना ही मिशन के तहत कोई ठोस कदम तय किए गए हैं। बच्चों के स्वास्थ्य पर काम कर रही एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था के वरिष्ठ कार्यकर्ता का कहना है कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ऐसे मिशन जहां 2005 से चल रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने अब जाकर इसकी घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन के सिर्फ प्रचार में लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं पर आगे की प्रक्रिया के बारे में कुछ बताया नहीं गया है।
यू.पी. में कुपोषण
2013 तक उत्तर प्रदेश कुपोषण के मामले में देश के सभी राज्यों में नीचे से चैथे स्थान पर था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में पैंतिस प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। यह स्थिति इसके बावजूद है कि उत्तर प्रदेश में हर साल समग्र बाल विकास परियोजना में तीन हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए
जाते हैं।