जिला ललितपुर, गांव झरावटा रुपईया कमाबे के लाने भी रुपईया चाने परत। एसे में ललितपुर जिले की महत्वकांक्षी मोड़ीए का करबे। बढ़ो शहर हो या छोटो गांव हर कोऊ अपनी बे रोजगारी से परेशान हे। बढ़ते भ्रष्टाचार से आदमी परेशान हो रए युवा वर्ग के मोड़ा ही नइ बल्कि मोड़ीए भी रोजगार के लाने चिंतित हे।
ललितपुर जिला के झरावटा गांव की एसी मोड़ीयन से आज हम मिलवात। असरफी पटेल ने बताई के रुपईया नइया तो हम कछु कर नइ पात। इतनो पढो लिखो सब बर्बाद हे। जो बढे आदमी हे बे फॉर्म भर देत और रुपईया देके अपनी नियुक्ति करा लेत।
हम ओरे गरीब हे मुश्किल से तो पढ़ाई करी अब कछु रोजगार नइ मिल रओ। हमाय मताई बाप नो इतनो रुपईया भी नइया के हम कछु करन लगे। रानी पटेल ने बताई के हम आगे बढ़बो चात के हम कछु करे अपने मताई बाप को बोझ हलको करे। और और अपने मताई बाप को नाम रोशन करे। और कछु करन लगबे।
अर्चना ने बताई के हम पाली पढबे जात इते से चालीस किलोमीटर हे रोज रोज नइ जा पात। जा से फॉर्म भर देत अकेले। हमाय मताई बाप ने हमे मजदूरी करा के पढ़ाओ लेकिन आज हम घरे बैठे हमाय लाने कोनऊ रोजगार ही नइया। हम जोई चाहत के हमे कोनऊ नौकरी मिल जाए तो हम भी कछु करे। अपनों पढ़ाई को खर्चा निकार लेबे। और अपनी नौकरी भी करत रबे।
माधुरी ने बताई के हम जोई चाहत के हम पढ़े लिखे घर में बैठे तो एसी कोनऊ योजना आबे जी से हम कछु कर पाबे। मोदी जी द्वारा कोनऊ काम आबे जी से हमे लाभ होबे बहुत गरीबी हे। हम चार बहन भज्जा हे एसे में कोऊ बीमार हो जात तो बामे रुपईया लग जात और खेती में सो कछु हो नई रओ। अब हम सोचत के इतनो पढो तो कछु करबे अपने घर में ही बैठे रत।
रिपोर्टर- राजकुमारी
12/12/2016 को प्रकाशित