जिला लखनऊ, ब्लाक मोहनलालगंज। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बीस किलोमीटर दूर है मोहनलालगंज का चिबौखिड़ा गांव। राजधानी के इतने नज़दीक होने के बावजूद मार्च 2013 में देश की आज़ादी के पैंसठ साल बाद इस गांव के लोगों ने पहली बार बिजली देखी।
बिजली के तारों और खंभों के नयेपन से प्रभावित गांव के लोगों ने जब इन खंभों को छूकर देखना चाहा तो उनमें से कई लोगों को झटका लगा। 5 जून को गांव के राजाराम की तीन साल की बेटी रोली बिजली का झटका लगने से घायल हो गई। गांव के प्रधान प्रदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि लगभग एक दर्जन ऐसे मामले सामने आए हैं।
हालांकि इस गांव में इतने साल बाद पहली बार रोश्नी आई है, बिजली के ये खंभे लोगों के लिए खतरा बन गए हैं। लखनऊ में विद्युतिकरण के लिए जि़म्मेदार विभाग के अधिशासी अभियंता आई.डी. त्रिपाठी ने बताया कि जिला विकास प्राधिकरण की लापरवाही के कारण इन खंभों में बिजली के बहाव को नियंत्रित करने वाले इंस्यूलेटर लगाना रह गया था। इस काम को अब पूरा किया जा रहा है और जल्द ही सारे खंभे ठीक हो जाएंगे।
पैंसठ साल बाद चमका गांव
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