जिला बांदा, ब्लाक तिन्दवारी, गांव बिछवाही। हेंया के चालिस साल के सुनता विकलांग पेंशन मिलब बंद होई जाय से भुखमरी के कगार मा है। वा 24 अक्टूबर का या समस्या के गोहार ड़ी.एम. से लगाइस है।
सुनता का कहब है-“मोर महतारी बतवात करत है कि मैं 3 साल के रहैं। एक हप्ता बुखार आई। दवाई करायेन तौ बुखार ठीक होइगा, पै दूनौ गोड हमेंशा खातिर लुंज पर गे। बाप का सहारा पहिले ही छिनगा। महतारी पूरी जिंदगी कमा के खावाइस। अब वा अस्सी साल के है। हम दूनौ काम नहीं कई सकत रहन। आठ साल पहिले विकलांग पेंशन बन गे रहै, पै डेढ साल से वा भी मिलब बंद है। दूई चार हजार रूपिया खाता मा रहैं तौ कउनौ तान से अबै तक चला लीन ,पै अब भुखमरी के कगार मा हन। मैं आपन पेंशन का पता करैं ड़ी.एम. के पास आई हौं। उंई भी निहाय। मैं सौ रूपिया कर्जा लइके हेंया तक आई रहौं। पेंशन न मिलैं के चिंता से ज्यादा कर्जा भरैं के चिंता है। कहां जाव कुछ समझ नहीं आवत।”
बी.डी.ओ. तिन्दवारी ओ.पी. शुक्ला का कहब है कि सुनता के पेंशन के बारे मस पता नहीं रहा आय। ब्लाक मा दरखास दे तौ जांच कइके कारवाही कीन जई।
पेंशन न मिलैं से ज्यादा कर्ज भरै के चिन्ता
पिछला लेख