पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त शाम 5.05 मिनट पर हो गया। वह 93 साल के थे। पिछले 36 घंटों में उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी।
वाजपेयी को यूरिन इन्फेक्शन और किडनी संबंधी परेशानी के चलते 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। मधुमेह के शिकार वाजपेयी का एक ही गुर्दा काम कर रहा था।
शोक के चलते केंद्र सरकार ने सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया। इस दौरान राष्ट्रीय झंडा आधा झुका रहेगा। केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधे दिन की छुट्टी रहेगी। इसके साथ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, झारखंड और बिहार में भी सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया। पंजाब ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया।
वहीँ, कुछ राज्यों में स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है।
बता दें, 16 अगस्त की सुबह वाजपेयी को सांस लेने में तकलीफ हुई थी। इसके बाद उन्हें जरूरी दवाइयां दी गई थीं, लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया।
भाजपा के संस्थापकों में शामिल वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे। वह पहले ऐसे गैर–कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि वाजपेयी काफी दिनों से बीमार थे और वह करीब 15 साल पहले राजनीति से संन्यास ले चुके थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भाजपा की स्थापना की थी और उसे सत्ता के शिखर पहुंचाया। भारतीय राजनीति में अटल–आडवाणी की जोड़ी सुपरहिट साबित हुई। अटल बिहारी देश के उन चुनिन्दा राजनेताओं में से एक थे, जिन्हें दूरदर्शी माना जाता था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में ऐसे कई फैसले लिए जिसने देश और उनके खुद के राजनीतिक छवि को काफी मजबूती दी।