दलित सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी सांसदों ने एकसुर में जस्टिस गोयल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में पासवान ने लिखा है कि दलित अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा (एआईएएम) ने जस्टिस गोयल को हटाने की मांग की है।
अंबेडकर महासभा की मांग का उल्लेख करते हुए पासवान ने लिखा है कि एससी–एसटी और पिछड़े वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को मौजूदा मानसून सत्र में ही संसद में अनुसूचित जाति–जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून को संरक्षित करने वाला बिल लाना चाहिए।
बता दें कि सोमवार (23 जुलाई) को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर एनडीए के करीब 25 दलित सांसदों ने बैठक कर नरेंद्र मोदी सरकार के उस फैसले की आलोचना की थी जिसमें जस्टिस गोयल को एनजीटी की अध्यक्ष बनाया गया था।
बता दें कि 2 अप्रैल को देशभर के दलित संगठनों ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था। इसमें बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।
दरअसल, जस्टिस गोयल और जस्टिस यूयू दलित की खंडपीठ ने 20 मार्च को एससी–एसटी (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी) एक्ट के तहत होने वाली त्वरित और स्वत: गिरफ्तारी और आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा कोर्ट ने इसे लेकर नई गाइडलाइंस भी जारी की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को दलित समुदाय ने अपने अधिकारों की कटौती समझा और देसभर में इसके खिलाफ गुस्सा जाहिर किया।