पिछले साल बेंगलुरु से जर्नलिस्ट गौरी लंकेश के हत्या के मामले में कर्नाटक पुलिस के सीआईडी विभाग ने दो युवकों को गिरफ्तार किया था। पुलिस को शक है कि कन्नड़ स्कॉलर एमएम कलबुर्गी के मर्डर के पीछे भी इन्हीं दोनों का हाथ है।
ये दोनों वही शख्स हैं जिन्हें फिलहाल गौरी लंकेश मर्डर मामले में एसआईटी के गिरफ्तार करने के बाद बेंगलुरु जेल में रखा गया है। सीआईडी को शक है कि दोनों मर्डर के पीछे इन्हीं का हाथ है।
बता दें कि 30 अगस्त 2015 को एमएम कलबुर्गी की धरवाड इलाके में हत्या कर दी गई थी। उस समय सीआईडी की टीम धरवाड कोर्ट पहुंची थी ताकि वह इस मामले के आरोपी गणेश मिसकिन और अमित बड्डी की कस्टडी को अपने हाथ में रख सके।
गणेश मिसकिन को जुलाई महीने में एसआईटी ने गौरी लंकेश मर्डर मामले में गिरफ्तार किया था। गणेश अगरबत्तियां बनाने का काम करता था। पुलिस के अनुसार उस पर आरोप था कि 5 सितंबर 2017 को जर्नलिस्ट गौरी लंकेश के घर के बाहर उन्हें शूट कर भागने वाले शख्स की बाइक गणेश चला रहा था।
वहीं अमित बड्डी गणेश का दोस्त है और वह कुछ समय तक एक सोने की दुकान पर काम करता था। एसआईटी के अनुसार बड्डी पर आरोप है कि उसने गौरी लंकेश पर गोली चलाने वाले शूटर को गाड़ी अरेंज कर दी थी।
पुलिस की मानें तो मिसकिन और बड्डी के खिलाफ हुबली में सांप्रदायिक दंगों में हिस्सा लेने के अलावा कई क्रिमिनल रिकॉर्ड मौजूद हैं।
गौरी लंकेश मर्डर के बाद ही एसआईटी को कर्नाटक फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई थी जिसमें साफ लिखा था कि कन्नड़ स्कॉलर एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश को एक जैसे 7.65 एमएम पिस्टल से गोली मारी गई थी। जहां एमएम कलबुर्गी की हत्या साल 2015 में हुई थी वहीं जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की हत्या 2017 में हुई थी।
गौरी लंकेश मर्डर केस में गिरफ्तारी के बाद ही एसआईटी को जांच के दौरान पता चला था कि मिसकिन, बड्डी और अमोल काले जो कि हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व सदस्य रह चुके हैं, को एमएम कलबुर्गी केस के फैसले का पता घर बैठे ही चल गया था।
एसआईटी के अनुसार अमोल काले ही मिसकिन को अपने इशारों पर चलाता था और इससे पहले साल 2013 में कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा में हुए विध्वंसक गतिविधियों में अमोल काले का ही हाथ था।
वहीं महाराष्ट्र एटीएस ने गौरी लंकेश मर्डर मामले में पिछले महीने 2 और लोगों को गिरफ्तार किया था जो कि महाराष्ट्र में होने वाले किसी आतंकवादी गतिविधि के साथ जुड़े हुए थे। एसआईटी ने बताया कि इन दो आरोपियों में से एक शरद कालास्कर 20 अगस्त 2013 को महाराष्ट्र रेशनलिस्ट नरेंद्र डाभोलकर की हत्या और गौरी लंकेश मर्डर केस में आरोपी है। वहीं दूसरा आरोपी श्रीकांत पंगारकर महाराष्ट्र का पूर्व शिव सेना कॉरपोरेटर रह चुका है। एसआईटी की मानें तो गौरी लंकेश के मर्डर वाले दिन शरद कालास्कर बेंगलुरु में ही मौजूद थे।