जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव हस्तम। हेंया के लड़की गीता के खाना खर्चा वसूली मुकदमा के तारीख 8 दिसंबर रहै। अगली तारीख 23 जनवरी 2016 लगाई गे है। 25 दिसंबर 2010 मा मुकदमा जीत गे है,पै आज तक मुकदमा के वसूली तक नहीं भे आय। रूपिया मिलैं के बात बहुतै दूर है।
गीता का कहब है कि मोर शादी लगभग पन्द्रह साल पहिले बांदा शहर के मोहल्ला खुटला के रहैं वाले संजय से भे रहै। मोरे एक लड़की अउर एक लड़का है। मनसवा कोतवाली नगर का सफाई कर्मी है। शराब, जुआं अउर बेफालतू आपन खर्चन का नहीं रोकत रहै। मोरे रोक लगावैं का नतीजा मिला कि घर से बच्चन समेत बेदखल कई दीन गा। तबै मैं खाना खर्चा का मुकदमा लगा दीनेंव। तबै से दुई वकील बदल चुके हैं,पै मोरे समस्या का कउनौ बदलाव नहीं भा आय। मैं अतर्रा के तथागत स्कूल मा बच्चन का पढ़ावत हौं। बारह घण्टा के ड्यूटी करैं का परत है। लड़की दस मा अउर लड़का पांच मा सरकारी स्कूल मा पढ़त हैं। मैं वनांगना संस्था के जरिए खाना खर्चा का मुकदमा जीत भी गईव, पै आज तक खाना खर्चा नहीं मिलत आय।
वकील न्याज अहमद का कहब है कि 26 जनवरी 2011 से 25 नवम्बर 2014 तक छियालिस महीना का दुई हजार प्रति महीना के हिसाब से अं्ठान्बेे हजार रूपिया वसूली होय का है। संजय का सम्मन भेजे जात हैं तौ ढग का जवाब नहीं मिलत आय। पुलिस कतौं कहत है कि संजय के यतनी संपती निहाय कि यतना रूपिया दई सकै।
अब दुबारा से 26 नवम्बर 2014 से 25 नवम्बर 2015 तक के वसूली करैं खातिर सम्मन भेजे जइहैं। अगर पुलिस कउनौ जवाब न देई तौ एस.पी. के जरिए पुलिस से वसूली अदालत के आदेश मा करावैं का परी।
पुलिस के लापरवाही से नहीं होई पावत वसूली
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