दुनिया के तमाम देश जहां घरेलू हिंसा को बहुत ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं वही रूस ने घरेलू हिंसा को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला कर लिया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश में घरेलू हिंसा को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के संशोधन को मंज़ूरी दे दी है। नए कानून के तहत यदि किसी महिला की हड्डी नहीं टूटती है तो घरेलू हिंसा के ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर अब 2 साल के बजाय 15 दिन जेल की सज़ा होगी।
रूसी संसद में ऐसा करने पर बड़ी सहमति के सुर कल तब सुनाई दिए जब इस बारे में तैयार कानूनी बिल के दस्तावेज को 268 सदस्यों ने एक मत से पारित कर दिया और केवल एक सदस्य ने इसके खिलाफ वोट किया।
वैसे रूस में घरेलू हिंसा की हालत भारत से कहीं बेहतर नहीं है और अभी भी वहीं कोई 36 हजार महिलाएं और 26 हजार बच्चों के साथ मारपीट के मामले चल रहे हैं जिसे लेकर संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार आयोग ने भी उससे हालात सुधारने को कहा है।
इतना ही नहीं रूसी पुलिस पर काम का दबाव घटाने के नाम पर मारपीट की ऐसी घटनाओं को पहले ही अपराध से बाहर कर चुका है जिसमें किसी को गम्भीर शारीरिक क्षति न पहुंची हो।
हराहाल सरकार की इन कोशिशों का महिला संगठन जमकर विरोध कर रही है और कल से चेंज डाट ओआरजी पर शुरू की गई याचिका पर कोई पौने दो लाख दस्तखत हो चुके हैं।
कानून में इस नए फेरबदल का विरोध करने वालों का कहना है कि यह कौन सा कानून हुआ कि अगर आप पड़ोसी के बच्चे को थप्पड़ मार दे तो जुर्माना भरकर छूट जाएंगे पर अगर अपनी बीवी बच्चे को पीट दें तो दो साल तक की जेल हो सकती है।