पुणे के विश्रांतवाडी में कौमार्य जांच होने के बाद शादी के मंडप में लड़की के पिता को पंचायत के लोगों के समक्ष पंचों को पैसा देकर शादी अधिकृत करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस जात पंचायत के विरोध में अब कंजारा भाट समाज के कुछ युवक सामने आए हैं और युवाओं ने कौमार्य जांच प्रथा बन्द करने की मांग की है।
कंजारा भाट समाज में आज भी शादी के बाद कौमार्य जांच की जाती है। यह जांच करने के लिए प्रथम जात पंचायत बैठाई जाती और जात पंचायत की ओर से पैसों की मांग की जाती है और उसके बाद इन्हें शादी की अनुमति दी जाती है। इसी कौमार्य जांच का विरोध कंजारा भाट समाज के कुछ पढ़े–लिखे लड़के–लड़कियों ने किया है।
युवाओं की मांग की है कि ऐसी प्रथाएं बन्द की जाएं, साथ ही इसके लिए युवा वर्ग ने सोशल मीडिया पर इस प्रथा के खिलाफ विरोध अभियान चलाया है। युवाओं की ओर से स्टॉप दी “वी” रिचुअल नाम का वॉट्सएप ग्रुप भी तैयार किया है। इस ग्रुप में 70 से 80 लड़के–लड़कियां जुड़े हुए हैं।
इस प्रथा के विरोध में आवाज उठाने वाले विवेक तमायचीकर ने बताया, कौमार्य जांच बंद कराना ही इस ग्रुप का मुख्य मकसद है। विवेक के भाई ने विश्रांतवाडी के शादी मंडप में शुरू इस प्रथा को अपने कैमेरे में कैद किया है। इसमें दिखाई दे रहा है कि एक मुख्य पंच लड़की के बाप को पंचों के समक्ष पैसे देने के लिए मजबूर कर रहा है।
प्रथा में बेटी अच्छी है इसका विश्वास पिता को पंचों के सामने देना होता है। इस संदर्भ में कंजारा भाट के युवाओं ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से संपर्क किया। इस घटना के बाद विश्रांतवाडी पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज की गई लेकिन अब तक पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।