पुणे के डॉक्टरों ने 18 मई को सफलतापूर्वक गर्भाशय का प्रत्यारोपण किया। करीब नौ घंटे की सर्जरी के जरिये एक महिला के गर्भाशय को उसकी 21 वर्षीय बेटी में प्रत्यारोपित किया गया। इसे देश का पहला गर्भाशय प्रत्यारोपण बताया जा रहा है।
डॉ. शैलेश पुनतांबेकर के नेतृत्व में 12 डॉक्टरों के दल ने स्थानीय गैलेक्सी केयर लैपरोस्कोपी इंस्टीट्यूट में दोपहर 12 बजे सर्जरी शुरू की जो रात 9.15 बजे खत्म हुई।
इस बारे में डॉ. पुनतांबेकर ने बताया कि जन्म से ही युवती को गर्भाशय नहीं था। वह खुद का बच्चा चाहती थी। वह गोद लेने या सरोगेसी के लिए राजी नहीं थी। जब उन्हें गर्भाशय प्रत्यारोपण की जानकारी मिली तो वे हमारे पास आईं और सर्जरी का विकल्प स्वीकार किया।
संयोग यह था कि युवती की मां ही गर्भाशय दानकर्ता के तौर पर उपयुक्त पाई गई। उन्होंने कहा कि प्रत्यारोपण के बाद महिला को निगरानी में रख, कुछ दिनों तक उसे आइसीयू में रखा जाएगा।
डॉ. पुनतांबेकर ने कहा कि यह भारत में पहला गर्भाशय या बच्चादानी प्रत्यारोपण है। विश्व में पहला सफल गर्भाशय प्रत्यारोपण 2013 में स्वीडन में किया गया था। अब तक दुनिया भर में 25 गर्भाशय प्रत्यारोपण किए गए हैं।