एक अंग्रेज़ी अखबार के अनुसार, बीते 10 वर्षों में संसद से करीब 47% विधेयक बिना चर्चा के ही पारित कर दिए गए।इनमें से 61% बिल सत्र के आखिरी तीन घंटों में पारित हुए। इसके अलावा, पिछले 20 वर्षों में संसद में डिग्रीधारक, उच्च शिक्षा प्राप्त सांसदों में 62% की गिरावट आई है।
राजनीतिक गलियों में संसद के शीत सत्र में हो रही देरी जहां चर्चा का मुद्दा है वहीं आंकड़ों से पता चला है कि पिछले दस सालों में निर्विवाद तरीके से 47% विधेयक पारित किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, 1952 से शुरुआती 20 साल तक के संसदीय कार्रवाई की तुलना में संसदीय घंटों में भी धीरे–धीरे कमी आती गयी है। 1952 और 1972 के बीच एक साल में संसद में 128 और 132 दिनों तक काम हुआ। पिछले दस सालों में एक साल में औसतन 64-67 दिन काम हुआ है।
पिछले पांच वर्ष में सांसदों के वेतन में चार गुना इजाफा हुआ। पिछले 20 वर्षों में सांसदों की शैक्षणिक योग्यता में गिरावट एक और चिंताजनक विषय है।