विदेश मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सदस्यों वाली अंतर मंत्रालयी समिति ने इस बात पर जोर दिया कि अकेली मां के मामले में पिता के नाम उल्लेख नहीं किया जाएगा और गोद लिए बच्चे को भी स्वीकार्यता दी जाए, जिसके तहत इस नियम को स्वीकृति मिल गई है।
साथ में साधु और संन्यासी को अपने जैविक मां-बाप के नाम के स्थान पर अपने आध्यात्मिक गुरुओं का नाम पासपोर्ट में लिखवा सकते हैं। केन्द्र सरकार के नए पासपोर्ट नियमों में शामिल बातों में जन्मतिथि प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया है।
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने सरकारी नौकरशाहों के लिए भी नियमों में ढील दी हैं, यानि जो अपने मंत्रालयों और विभागों से पहचान-पत्र अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर पा रहे हैं, वे सरकारी कर्मचारी अब हलफनामे के द्वारा पासपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। जन्मतिथि के लिए अब से 10वीं कक्षा का प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, ई-आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, चुनाव प्रमाणपत्र और बीमा पॉलिसी बॉन्ड के दस्तावेज भी लगा सकते हैं।