पहलवान नरसिंह यादव के डोपिंग मामले में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने उन्हें रिओ में जाने के काबिल बता दिया है। मतलब अब नरसिंह रियो ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
गौरतलब है कि इस मामले की लंबी सुनवाई के बाद नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने नरसिंह यादव को बरी करने का बयान पढ़ा, जिसके बाद इस पहलवान के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। फैसले के बाद पहलवान नरसिंह यादव ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने न्याय पाने में मेरी मदद की, मुझे उम्मीद है कि रियो ओलिंपिक में पदक जरूर जीतूंगा।’
जाँच पैनल ने कहा कि वह साजिश का शिकार हुआ, पैनल ने नाडा के डोपिंगरोधी नियमों के आरोपों से उसे बरी कर दिया।’’ जब यह फैसला लिया गया तो नरसिंह नाडा के मुख्यालय में उपस्थित थे। रियो जाने वाली टीम में उनकी जगह प्रवीण राणा को भेजने की घोषणा की गई थी, लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ ने कहा कि नरसिंह को अब टीम में वापस ले लिया जाएगा।
नरसिंह पंचम यादव ने 2015 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसी जीत के साथ उनका चयन रियो में होने वाले ओलिंपिक खेलों के लिए 74 किलोग्राम वर्ग में हो गया था। वह सोनीपत स्थित साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) केंद्र में ट्रेनिंग ले रहे थे। लेकिन नरसिंह यादव 5 जुलाई को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की ओर से किए गए दूसरे डोप टेस्ट में भी फेल हो गए थे। इससे पहले 25 जून को किए गए डोप टेस्ट में भी फेल हो गए थे, जिसके बाद इसे लेकर विवाद हो गया।
सूत्रों के अनुसार नरसिंह के फूड सप्लीमेंट में प्रतिबंधित दवा की मिलावट नहीं पाई गई, जिससे उनका यह दावा गलत हो गया था। हालांकि खाने में मिलावट की बात पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने कहा था कि नरसिंह यादव के खाने में दवा मिलाने की बात सच है। उन्होंने कहा था कि सोनीपत कैंप में नरसिंह यादव के खाने में दवाई मिलाई गई। भारतीय कुश्ती संघ के मुताबिक नरसिंह को खाने में मिला कर कुछ खिलाने की जिस आरोपी की पहचान की गई है, वह एक सीनियर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का भाई है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी छत्रसाल अखाड़े में प्रैक्टिस करता है। साई सेंटर के रसोइये ने भी इस आरोपी की पहचान की है।
फेडरेशन का आरोप है कि 5 जून को खाने में छौंक लगाते समय प्रतिबंधित दवा डाली गई। नरसिंह यादव ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है।
साजिश को साबित करने के नरसिंह के अंतिम प्रयास भी नाकाम रहे थे, क्योंकि एक जूनियर पहलवान को सोनीपत स्थित साई सेंटर की मेस में नरसिंह के खाने में कुछ मिलाते देखने का दावा करने वाले दोनों रसोइयों ने नाडा के पैनल के सामने बयान बदल दिया। फिर भी नाडा ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।