जिला बांदा, ब्लॉक नरैनी, गांव मजरा जमुनिहा पुरवा, 30 दिसम्बर 2016। 30 साल की प्रीति की आग लगने के कारण 21 दिसंबर को मौत हो गई। परिवार वालों का आरोप हैं कि आग उसके पति लाल सिंह ने लगाई थी। वहीँ लाल सिंह को भी आग से झुलसने की वजह चोटें आयी हैं, जो उसने अपने आप को आरोप से बचाने के लिए खुद ही की हैं, जिससे लगे कि वह अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश कर रह था।
प्रीति के तीन लड़के हैं, जो इस घटना के बाद सदमे में हैं। प्रीति का बड़ा बेटा अजय, 11, साफ़ कहता है, “पापा 21 दिसम्बर को सुबह 11 बजे से मम्मी को मार रहे थे और रात को 9 बजे उन्होंने मम्मी को आग लगा दी।” प्रीति के तीनों बच्चे अपने पिता को जेल भेजना चाहते हैं क्योंकि लाल सिंह के कारण उनकी मां उनसे हमेशा के लिए दूर गई है।
प्रीति के पिता जंग बहादुर भी अपने दामाद पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए कहते हैं,“अभी 10 दिन पहले ही मैं और मेरी पत्नी प्रीति को लेने आए थे। पर दामाद ने उसे नहीं भेजा। जब मैंने उसकी शिकायत पुलिस में करने की धमकी दी तो 8 दिन बाद प्रीति को ले जाने की बात उसने कह दी। पर 8 दिन के बाद तो मुझे मेरी बेटी ही जिंदा नहीं मिली।”
जंग बहादुर अपनी पत्नी बेला यानि प्रीति के मां को प्रीति के घर छोड़कर तो गए थे। पर दामाद के हाथों बेटी की रोज़-रोज़ की पिटाई से तंग आकर वह अपनी ननद के यहां अतर्रा चली गई थी।
प्रीति की मां का कहना हैं, “मैं जब अपने दामाद को अपनी बेटी को मारने से रोकती थी, तो वह मुझे भी मारने को दौड़ता था।” प्रीति के मायके वाले लाल सिंह को जेल भेजना चाहते हैं।
वहीं लाल सिंह प्रीति की हत्या को दुर्घटना बता रहा है। वह कहता है, “मैं कभी-कभी एक दो थप्पड़ उसे मार देता था।” वह उसको पीटने की वजह उसका पान सुपारी खाना बताता है। लाल सिंह आग से झुलसने के कारण अभी अस्पताल में भरती है।
हालांकि बदौसा थाने के थाना अध्यक्ष (एस.ओ) मनोज कुमार पाठक का कहना हैं, “अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई है।” साथ ही पंचनामा रिपोर्ट में प्रीति की मौत की वजह आग से जलना बताई गई है।
रिपोर्टर- गीता
28/12/2016 को प्रकाशित