जिला महोबा, शहर महोबा राम कथा मार्ग पे लीलावती के ठेले पे पानी पूरी खाओ। लीलावती जा काम को पिछले पंद्रह साल से कर रई बाके हाथन से बनी चटपटी पानी पूरी को जबाब नइया।
लीलावती ने बताई के हम सबेरे चार बजे से बनाबो शुरू कर देत आटा माड़ो फिर बेलबो शुरू करत आठ बजे तक बेलत फिर बाद में सेकत हे। पहले बड़ी लोई बना के बेल लेट फिर छोटे छोटे टिफिन से काट लेत तीनऊ चीजे बराबर से मिलात।
आटा, सूजी, मैदा पूड़ी के जैसे माड़ लेत। पूरे दिन जइ काम में लगे रत रात के फिर करेला बनात फिर सबेरे से जइ काम में लग जात। अबे पंद्रह बीस दिन से दिन में बनाबो शुरू कर दओ नइ तो रात के और सबेरे बनात ते।
कबहु बनाई नइ हती न कोऊ ने बताई ती अपने अंदाज से बनात ते तो पहले बोहतई बर्बाद भी होत ती अब बनान लगे तो अनभव हो गओ। पहले हम ओरे झांसी में रत ते उते को मकान बिकन लगो सो इते आ गये। इते कोनऊ काम नइ हतो सो ठेला लगान लगे। जो काम न हमे मायके में होत न सास्ते में होत।
राजेन्द्र ग्राहक ने बताई के इते सबसे अच्छी मिलती जा से सब आदमी इतेइ आत एसी और कितऊ नइ मिलती। हमे तीन साल हो गये इते की टिकिया खात खात स्वाद अच्छो हे और तजी भी मिलती।
राजकुमार सोनी ने बताई के जब हम छोटे हते तब हमे बाप हमे इते इ लिबा के लेयात ते जब से खा रए अब हम खुद सबके लाने ले जात।
रिपोर्टर- सुनीता प्रजापति
Published on Mar 31, 2017