सरकार गांवन मा तौ पानी के व्यवस्था इनतान कीने है कि देखै मा लागत है कि भरपूर पानी मिलत होई पै गांवन मा घुस के देखा जाय तौ दुई महीना से मड़ई चार चार दिन का बासी पानी इनतान के गर्मी मा पियत है। आखिरकार काहे इनतान सरकार करत है। का उंई मड़ई निहाय।
गांवन मा सरकार करोड़न रूपिया की टंकी बनवा देत है, पै बनै के बाद वा सुखान परी रहत है या पानी सप्लाई ही नहीं दीन जात आय। कतौ बिजली का बहाना तौ कतौ पाइप टूटे फाटे का बहाना या छोटे कर्मचारी के मूड़े पूरा भार छोड़ दीन जात है। का उनहिन के पूर जिम्मेदारी है। काहे से साफ नजर आवत है कि सन् 1980 की बनी टंकी आज भी पानी सप्लाई नहीं कीन गा आय। या समस्या बबेरू ब्लाक का सातर गांव का है। इनतान के गर्मी मा मड़ई साइकिल से पानी लावत है। एक अउर दुई किलोमीटर तक पानी भरै जात हैं गांवन मा तौ दसन हजार मड़ई पानी से परेशान, पै जल संस्थान जल निगम विभाग कान मा तेल डाले है।
सरकार इनतान काहे जनता के साथै करत है। दसन टंकी है। जउन गांवन मा देखै भर का लाग है अगर पानी से जनता परेशान है तौ वहिके जवाबदेही सरकार कि ही दें का परी काहे से पानी बिना तौ एक मिनट नहीं चला सकत जउन गांव रोड के किनारे है तौ सबसे ज्यादा यात्री भी परेशान रहते है। कहां तक दुई रूपिया का पानी खरीदे। अब सवाल या उठत है कि सरकार मानी के समस्या का जल्दी खतम करैं के कोशिश करैं। तबहिने मड़इन का पियै खातिर पानी मिली।
पानी खातिर बेहाल मड़ई
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