जिला वाराणसी, ब्लाक काषी विद्यापीठ, मड़ीया। इहां के दलित बस्ती के हैण्डपम्प खराब भइले दू साल हो गएल हव। इहां लगभग बीस घर हव। जउन सप्लाई के पानी मिलला उ सवेरे चार बजे से दस बजे आउर शाम के चार बजे से आठ बजे तक बिजली रही त पानी आई नाहीं त ना आई।
इहां के राधिका, माला, गीता समेत कई लोग के कहब हव कि इ सड़क पर सरकारी तीन हैण्डपम्प हव। जवन कि बिगड़ल हव। सप्लाई के पानी त अपने समय से मिलि। बिजली ना रहे से इहां के लोग के त पानी पिए खातिर के तरस जाए के होला। आपरेटर से कहत कहत त मुंह थक जाला। पर ओन नाहीं सुनत हयन।
इ सब के बारे में आपरेटर राजू के कहब हव कि जब बिजली समय पर रही तब न चालू करब वइसे कहाँ से चालू करब। ए समय त बिजली कटौती भी बहुत होत हव। मुहल्ले वलन त पानी खातिर के झगड़ा भी करलन।
सभासद फारूक के कहब हव कि इ तीनो हैएडपम्प रीबोर खातिर के पड़ल हव। कई बार हम अपने आदमी के भेजे लेकिन वहां के लोग ओके नाहीं बने देतन। कहलन कि इ हमार हैण्डपम्प हव।
पानी खातिर के होत झगड़ा
पिछला लेख