पानी के समस्या से पूरा बुन्देलखण्ड जूझत है। या समय बिकराल गर्मी के कारण पानी का लेबल नीचे चला गा है। ज्यादातर गांवन के हैण्डपम्प बिगडे पडे हैं तालाब अउर कंुआ भी सूखा गे हैं। जानवर भी पियासन के मारे मरत हैं। या कउनौ नई समस्या न होय। हर साल यहै हाल गर्मी के सीजन मा होत है। पै सरकार पानी के कउनौ खास व्यवस्था नहीं करत हैं। जबै कि कागजन मा पानी के नाम से करोड़न का पैकेज खतम कीन जात है।
गर्मी अउतै पानी अउर विजली के बिकराल समस्या आ जात है। कइयौ दिनन तक बिजली न आवै से भी पानी के समस्या आ जात है। जबै कि जिला के अधिकारी जहंा पै पानी के समस्या है होंआ पानी का टैक्कर भेजवावै का आदेष दिहिन रहैं। पै वा आपन आदेष का भी पालन नहीं करत हैं।
गर्मी मा पानी के व्यवस्था के बारे मा सरकार का पहिले से सचेत होय का चाही। सबसे दिक्कत तौ जानवरन का होत हैै। उनके बारे मा भी सोचै के जरूरत है। पूरे तालाब सूखे है। उनमा पानी भरवावै के बारे मा भी षासन प्रषासन का सोचै का चाही। जउन समस्या से सरकार अनजान निहाय तौ वहिसे निपटै के खातिर तौ कुछ खास कदम पहिले से उठाये जा सकत हैं। तालाबन मा पानी भरावै के खातिर भी सरकार के पास बजट होय का चाही।
पानी के समस्या का सरकार के पास का है खास व्यवस्था?
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